तिनसुकिया जिले में पांच लोगों की गोली मारकर हत्या किये जाने के विरोध में शनिवार को 12 घंटे के राज्यव्यापी बंद के दौरान असम के कुछ जिलों में प्रदर्शनकारियों ने रेल पटरियों पर धरना दिया, वाहनों पर पथराव किया और सड़कों पर टायर जलाए।
पुलिस ने बंद के दौरान लगभग 700 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। अधिकारियों ने बताया कि सुबह पांच बजे से शुरू हुये बंद का सबसे ज्यादा असर बंगाली भाषी लोगों की बहुलता वाली बराक घाटी और ब्रह्मपुत्र घाटी के कुछ हिस्सों में देखने को मिला।
राज्य की राजधानी गुवाहाटी में बंद का असर नहीं दिखा। यहां सबकुछ सामान्य ही रहा। असम पुलिस ने ट्विटर पर कहा, ‘‘पूरे राज्य में अब तक 715 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है। हम असम के लोगों के लिए सरकारी आदेश सुनिश्चित करने के अपने वादे को लेकर दृढ़ संकल्पित हैं।’
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अखिल असम बंगाली युवा छात्र संघ और समान विचारधारा वाले कई संगठनों ने बृहस्पतिवार रात में हुई घटना के विरोध में बंद का आह्वान किया था। खेरोनीबारी गांव में बंदूकधारियों ने एक परिवार के तीन सदस्यों सहित पांच बांग्ला भाषी व्यक्तियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
कांग्रेस ने बराक घाटी में बंद का समर्थन किया। जिला भाजपा अध्यक्ष सुब्रत नाथ ने एक विज्ञप्ति में कहा कि भाजपा हैलाकांडी में धरने को अपना समर्थन दिया।
तिनसुकिया और डिब्रूगढ़ में बंद नहीं रहा क्योंकि इन दोनों जिलों में शुक्रवार को बंद आयोजित किया गया था। कछार और करीमगंज के बराक घाटी जिलों में दुकान, व्यापारिक प्रतिष्ठान, शैक्षणिक संस्थान, निजी कार्यालय बंद रहे और सड़कों पर वाहन नहीं चले।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने सिल्चर में बंद करा रहे कांग्रेस विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ को हिरासत में ले लिया। उन्हें बाद में रिहा कर दिया गया।