नई दिल्ली : राजस्थान के पोखरण रेंज में दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का गुरुवार को एक बार फिर सफल परीक्षण किया गया। यह परीक्षण राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेज में हुआ और इस दौरान वहां सेना और डीआरडीओ के अधिकारीण भी मौजूद रहे। बताया जाता है मिसाइल ने सफलतापूर्वक सही निशाने पर वार किया।
भारतीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस बात की जानकारी दी गई। जून, 2001 को हुआ था। इस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है। ब्रह्मोस मिसाइल आवाज की गति से करीब तीन गुना अधिक यानी 2.8 माक की गति से हमला करने में सक्षम है। इस मिसाइल की रेंज 290 किलोमीटर है और ये 300 किलोग्राम भारी युद्धक सामग्री ले जा सकती है।
Supersonic Cruise Missile #BrahMos successfully flight tested from Rajasthan's Pokhran test range, this morning. pic.twitter.com/3kGeNWMw6t
— ANI (@ANI) March 22, 2018
हवा से जमीन पर मार करने वाले ब्रह्मोस मिसाइल का दुश्मन देश की सीमा में स्थापित आतंकी ठिकानों पर हमला बोलने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह मिसाइल अंडरग्राउंड परमाणु बंकरों, कमांड ऐंड कंट्रोल सेंटर्स और समुद्र के ऊपर उड़ रहे एयरक्राफ्ट्स को दूर से ही निशाना बनाने में सक्षम है। गौरतलब है कि 12 फरवरी 1998 को भारत के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल टेक्नॉलजिस्ट डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम और रूस के प्रथम डेप्युटी डिफेंस मिनिस्टर एन.वी. मिखाइलॉव ने एक इंटर-गवर्मेन्टल अग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किया था। इसके बाद ही ब्रह्मोस बनाने का रास्ता साफ हुआ। इसे भारत के डीआरडीओ और रूस के एनपीओएम द्वारा संयुक्त रूप से बनाया गया था।
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