नई दिल्ली : दुनिया में भारत के अलावा दूसरा कोई देश नहीं, जो देश को ‘मां’ का दर्जा देता हो। यहां गौरी-शंकर, राधा-कृष्णा, सीता-राम, हीर-रांझा में नारी का नाम आगे रहा है। यह परंपरा देश में नारी शक्ति और उसके अधिकार को भी दर्शाती है। स्वदेशी जागरण मंच के तत्वावधान में चौपाल नारी सशक्तिकरण की दिशा में देश की संस्कृति, सभ्यता और परंपरा को साथ लेते हुए ठीक इसी तर्ज पर आगे बढ़ रही है। वह दिन दूर नहीं जब दुनिया में भारत जगत गुरु और सोने की चिड़िया कहलाएगा।
उक्त बातें आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक श्री प्रेम जी गोयल ने नंद नगरी में चौपाल द्वारा आयोजित लाभार्थी स्नेह मिलन समारोह के अवसर पर कहीं। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हर भारतीय गौरक्षा के लिए आगे आए और हर गौ-माता के लिए एक रोटी और एक रुपया नजदीकी गऊशाला जाकर दे। इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्वे, वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब की चेयरपर्सन एवं चौपाल की वरिष्ठ संरक्षिका श्रीमती किरण चोपड़ा, निदेशक जितेंद्र भोला नाथ विज, बड़ी संख्या में चौपाल से लाभ प्राप्त महिलाएं व चौपाल के कार्यकर्ता मौजूद थे।
इस मौके पर मंच का संचालन चौपाल के निदेशक जितेंद्र महाजन ने किया। इस अवसर पर चौपाल के माध्यम से आर्थिक मदद पाकर अपने पैरों पर खड़ी हुई लाभार्थी महिलाओं और चौपाल को अनुदान देने वाले समाज सेवियों के बीच सीधे वार्तालाप हुआ। उन्हें जाना कि चौपाल किस तरह महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम कर रहा है।
समाज में परिवर्तन ला रही है चौपाल : विनय सहस्त्रबुद्वे
चौपाल द्वारा किए जा रहे सराहनीय कार्यों को देखने और लाभार्थी महिलाओं से मिलने के बाद विनय सहस्त्रबुद्वे ने कहा कि समाज में जो काम पुरुष करते थे वह काम अब महिलाएं कर रही हैं। पुरुषों को पीछे बैठाकर ई-रिक्शा चलाना हो या अन्य काम काज की बागडोर संभालना। समाज में यह काफी अच्छा परिवर्तन देखने को मिल रहा है, जो स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा समाज में महिलाओं को सशक्त करने और उन्हें आत्मनिर्भर करने के लिए मैं ‘चौपाल’ और उसकी पूरी टीम का अभिनंदन करता हूं। चौपाल का यह कार्य जन आन्दोलन के रूप में आगे बढ़ते हुए और विकसित और विस्तृत हो।
एक महिला के साथ पूरा परिवार होता है सशक्त : किरण चोपड़ा
चौपाल की वरिष्ठ संरक्षिका श्रीमती किरण चोपड़ा ने कहा कि जब एक महिला अपने पैरों पर खड़ी होती है तो उसके साथ पूरा परिवार सशक्त होता है और आगे बढ़ता है। आज मुझे चौपाल के माध्यम से सहायता प्राप्त महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम देखकर बेहद खुशी हो रही है। उन्हें देखकर लग रहा है कि श्री केदारनाथ सहानी जी का सपना साकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं ने ई-रिक्शा में पुरुषों को पीछे बैठाकर यह दिखा दिया है कि वे पुरुषों से पीछे नहीं। हमारा मकसद पुरुषों को पीछे दिखाना नहीं, बल्कि महिलाओं को भी सशक्त करना है। श्रीमती किरण चोपड़ा ने कहा कि महिलाएं सामाजिक क्षेत्र में अपना कर्तव्य निभाते हुए देश की संस्कृति, संस्कार, सभ्यता और परंपरा का निर्वाह करते हुए आगे बढ़ें। यह भारतीय महिलाओं का कर्तव्य भी है।
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