कॉलेज में स्टूडेंट द्वारा अपने टीचर के साथ प्रैंक करने के मामले तो बहुत सुनने में आते हैं। लेकिन इस बार दिल्ली एक ऐसा मामला सामने आया है। दिल्ली पुलिस ने ब्रिटेन से वापिस लौटे एक असिस्टेंट प्रोफेसर को दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एअरपोर्ट पर गिरफ्तार कर किया है जिस पर आरोप है कि उसने आईपी यूनिवर्सिटी के कुलपति को दिल्ली का एलजी बनकर फर्जी कॉल किया था।
गिरफ्तार असिस्टेंट प्रोफेसर का नाम रोहित सिंह है। रोहित ने दो बार आईपी यूनिवर्सिटी के वीसी को लैंड लाइन से फोनकॉल किया था। ये जताते हुए कि वो दिल्ली का उप-राज्यपाल वीके सक्सेना बोल रहे हैं। इस मामले में आरोपी के खिलाफ दिल्ली के द्वारका थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। फर्जी कॉल की ये घटना सितंबर 2022 यानी बीते साल की है।
पुलिस की पूछताछ के दौरान ही रोहित ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है। उसने पुलिस को बताया कि पहली बार उसने वीसी को एलजी बनकर अपनी छुट्टी मंजूर करा ली थी। इसके बाद 30 सितंबर 2022 को उसने दोबारा एलजी बनकर फोनकर के वीसी को अपनी बहन मानवी सिंह को जीजीएसआईपीयू के अंग्रेजी विभाग में फैकल्टी के रूप में चयनित करने के लिए वीसी से कहा था।
पुलिस ने बताया कि फोनकॉल्स की सच्चाई जांचने के लिए वाइस चांसलर कार्यालय ने दिल्ली के उप-राज्यपाल के सचिवालय से संपर्क किया था। तब वहां से ऐसी किसी तरह की एलजी द्वारा वीसी के साथ बात किए जाने की घटना से ही इनकार कर दिया गया। इसके बाद 2 नवंबर 2022 को द्वारका नॉर्थ थाने में एक शिकायत दर्ज कराई गई। एक अज्ञात शख्स द्वारा एलजी बनकर वीसी डॉ. महेश वर्मा को कॉल किए जाने के संबंध में शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी।
पुलिस को जैसे ही रोहित के ब्रिटेन से लौटने की खबर मिली तो उन्होंने उसे सीधे एयरपोर्ट से ही गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद उसे एक अदालत के समक्ष पेश किया गया था, जिसने पुलिस हिरासत में भेज दिया था। अधिकारी ने बताया कि एलजी ने इस मामले में बेहद गंभीर रुख अपनाया था और इस बात पर जोर दिया था कि अनुचित लाभ पहुंचाने, पक्षपात या अनैतिक व्यवहार के लिए किसी को फोन करने या ऐसे किसी अनुरोध को स्वीकार करना उनके काम करने का तरीका नहीं है।