नई दिल्ली : दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा है कि अपनी संभावित हार से हताश और निराश आम आदमी पार्टी ने गांरटी कार्ड जारी करके दिल्ली के लोगों को गुमराह करने का असफल प्रयास कर रही है। चोपड़ा ने इसे ‘जुमला कार्ड’ करार दिया है।
पार्टी द्वारा जारी एक बयान में सुभाष चोपड़ा ने केजरीवाल द्वारा गांरटी कार्ड में किए गए 10 वायदों की कलई खोलते हुए कहा कि एक ओर केन्द्र व दिल्ली सरकार हाई टेंशन लाइन के अन्तर्गत आने वाली अनधिकृत कालोनियों को धारा 7ए के तहत नियमन से बाहर रख रही है, वहीं दूसरी ओर अब जनता के विरोध को देखते फिर हाई टेंशन के नाम लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रही हैं। दिल्ली में एक भी नया विश्वविद्यालय केजरीवाल सरकार ने नहीं बनाया, जबकि 20 कालेज खोलने का वायदा किया था।
दिल्ली को दूषित पानी पिलाने वाले केजरीवाल, कांग्रेस की कैश बेक योजना को मिले भारी समर्थन से बौखला कर आज पानी की बात कर रहे है बल्कि सच तो यह है कि आज अनधिकृत कालोनियों में पीने का पानी उपलब्ध ही नहीं है और न ही उनके द्वारा पानी का कोई नया ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया है और न ही यूजीआर। दिल्ली में एक भी नया अस्पताल न बनाने वाली केजरीवाल सरकार ने अब भी नया अस्तपाल बनाने की बात न कहकर अपने इरादों को साफ कर दिया है।
चोपड़ा ने दिल्ली में चरमराई सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के लिए केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि आज 3200 से ज्यादा बसें सड़कों से हट गई है जो इस केजरीवाल सरकार के लिए शर्मनाक है और आज उन्हें बसें खरीदने की बात याद आ रही है क्योंकि कांग्रेस ने आंकड़ों के साथ केजरीवाल सरकार को बेनकाब किया था। दिल्ली मेट्रो के तीसरे चरण का काम 3 साल पीछे चल रहा है और चौथे चरण का काम 5 साल पीछे चल रहा है।
केजरीवाल लोगों को झूठा दिलासा क्यों दे रहे है। कांग्रेस का आरोप है कि यमुना को प्रदूषण मुक्त करने व ज्यादा पेड़ लगाने का वादा करने वाले केजरीवाल पहले दिल्ली की जनता को यह बताए कि दिल्ली में हरित क्षेत्र कम क्यों हुआ, यह भी बताऐं कि ककरोला नहर से यमुना तक कालोनियों के सीवर के लिए 3600 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे इंटरसेप्टर के काम को क्यों रोका गया?