कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से अनुरोध किया कि वह मई-जून में संसद का विशेष सत्र आहूत करने के लिए सरकार को समझायें ताकि महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया जा सके और राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर चर्चा हो सके। सभापति को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि विशेष सत्र बुलाने से एक ‘भिन्न संदेश’ जाएगा तथा बजट सत्र के पूरी तरह से हंगामे की भेंट चढ़ जाने से इसकी खोई हुई छवि को बहाल करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, ”आप प्रयास क्यों नहीं करते और सरकार को क्यों नहीं समझाते कि मई के अंत या जून के प्रारंभ में दो सप्ताह का विशेष सत्र बुलाया जाए ताकि महत्वपूर्ण विधेयक पारित हो सकें तथा ज्वलंत, आर्थिक एवं सामजिक मुद्दों पर चर्चा, दोनों काम हो सकें।” बहरहाल, उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके सुझाव पूरी तरह से उनकी निजी हैसियत से दिये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ”मैं इस बात से अवगत हूं कि मानसून सत्र जुलाई मध्य में बुलाया जाएगा किन्तु विशेष सत्र से एक भिन्न संदेश जाएगा। इस बात में कोई सन्देह नहीं है कि हंगामे की भेंट चढ़ जाने के कारण संस्था के रूप में संसद को भारी क्षति पहुंची है।” राज्यसभा सदस्य ने उम्मीद जताई कि सभापति सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से बात कर यह सुनिश्चित करेंगे कि यह फिर नहीं हो।
रमेश ने नायडू की इस बात को लेकर सराहना की उन्होंने किसी पर भी पूरा आरोप नहीं डालने की सतर्कता दिखायी और इसके बजाय इसे ”सामूहिक विफलता” कहा। उन्होंने कहा कि संवाद कायम करने तथा सभी राजनीतिक दलों के साथ सार्थक और गंभीर चर्चा करने की जिम्मेदारी सरकारों की है ताकि संसद में सुचारू रूप से कामकाज सुनिश्चित हो सके।
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