दक्षिणी दिल्ली : जामिया यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने यूनिवर्सिटी जाते वक्त बस में सवार जेबतराशों को पहचान क्या लिया, उसकी जान पर आफत बन गई। जेब में हाथ डालने का प्रयास कर रहे जेबतराशों का जब उसने विरोध किया तो बदमाशों ने सर्जिकल ब्लेड से उस पर और उसके साथी पर हमला बोल दिया।
छात्र के गर्दन और कंधे पर ताबड़तोड़ वार करने के बाद बदमाशों ने उसकी छाती पर सर्जिकल ब्लेड मार दिया। घटना साउथ-ईस्ट जिले के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाना इलाके की है, जहां घटना के बाद सभी बदमाश लोगों को डरा-धमका कर चलती बस से उतरकर फरार हो गए।
काफी आगे जाने के बाद बस रुकी, तो पीड़ित छात्र को उसके साथी ने उतारकर पास के जामिया प्राइमरी हेल्थ सेंटर पहुंचाया, जहां हालत गंभीर होने की वजह से उसे एम्स ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। फिलहाल उसकी हालत गंभीर बनी है। पीड़ित के भाई की माने तो छाती पर सर्जिकल ब्लेड का प्रहार इतना जोरदार था कि उसकी चोट पीड़ित के फेफड़ों तक लगी है।
जेबतराशी करते देख लिया था… घटना के दौरान गंभीर रूप से घायल हुए छात्र की पहचान असद (22) के तौर पर की गई है, जो अपने परिवार के साथ बवाना इलाके में स्थित जेजे कॉलोनी में रहता है। उसके परिवार में माता-पिता, चार भाई और दो बहन हैं। असद जामिया यूनिवर्सिटी से बीएड दूसरे वर्ष का छात्र है। घटना में घायल हुए उसके साथी कृष्ण चंद (24) ने अपने बयान में बताया कि घटना बुधवार दोपहर पौने तीन बजे के आसपास की है।
टीचिंग की ट्रेनिंग ले रहे दोनों छात्र बुधवार को लेशन अप्रूवल के लिए क्लस्टर बस की रूट संख्या-507 से जामिया यूनिवर्सिटी जा रहे थे। बस में भीड़ थी। तभी असद ने देखा कि साथ खड़े कुछ लड़के उसकी जेब में हाथ डाल रहे थे। असद ने उनमें से एक को पहचान लिया, जिसने कुछ दिनों पहले ही बस में जेबतराशी की थी। असद और कृष्ण ने बदमाशों का विरोध करना चाहा तो बदमाशों ने सर्जिकल ब्लेड से दोनों पर हमला कर दिया।
मार्शल और कंडक्टर के सामने हुई घटना…
पीड़ितों की मानें तो हमले के दौरान शोर मचाने के बाद भी बस चालक ने बस नहीं रोकी। आरोप है कि घटना के दौरान बस का गेट भी खुला रखा गया था, जिसकी वजह से वारदात को अंजाम देने के बाद सभी बदमाश लोगों को धमकाते हुए चलती बस से उतरकर फरार हो गए। आरोप यह भी है कि घटना के दौरान बस में सवार मार्शल और कंडक्टर मदद करने की बजाए तमाशा देखते रहे।
पुलिस ने की बयान से छेड़छाड़ !…
पीड़ितों ने बताया कि मामले में जो बयान दिया गया था पुलिस ने उसमें काफी काट-छांट करके एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में कई बातों का जिक्र तक नहीं किया गया है। जिसको लेकर पीड़ितों के साथ ही यूनिवर्सिटी के छात्रों में काफी रोष भी है। छात्रों की मांग है कि मामले में बस के कंडक्टर और मार्शल के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए। शुरुआत में जामिया नगर पुलिस और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस सीमा विवाद में उलझे रहे लेकिन बाद में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी ने जिम्मा संभाला।