जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस की कार्रवाई की जांच कर रही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की टीम ने अपनी तहकीकात पूरी कर ली है लेकिन अपनी रिपोर्ट अभी आयोग के अध्यक्ष को नहीं सौंपी है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। जामिया परिसर में प्रवेश के बाद पुलिस की कथित ज़्यादतियों की जांच करने के लिए एनएचआरसी की सात सदस्य टीम गठित की गई थी।
टीम ने शिक्षकों, मुख्य प्रॉक्टर, लाइब्रेरियन और पुस्तकालय के अन्य स्टाफ के अलावा 94 छात्रों की गवाहियों को रिकॉर्ड किया है। पुलिस ने विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में घुस कर कथित रूप से लाठीचार्ज किया था।
एनएचआरसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) एचएल दत्तू ने कहा, “ उन्होंने जांच पूरी कर ली है। रिपोर्ट अभी मेरे पास नहीं आई है। मैंने रिपोर्ट जमा करने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की है। एक रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में बहुत समय लगता है।”
पिछले साल 15 दिसंबर को पुलिस ने विश्वविद्यालय से कुछ मीटर की दूरी पर संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसक हुई भीड़ को तितर बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले दागे थे। पुलिस विश्वविद्यालय में भी घुस गई थी और कहा था कि परिसर में ‘दंगाई’ घुस गए थे।
बहरहाल, जामिया के छात्रों ने इस बात से इनकार किया है कि वे हिंसा में शामिल थे और पुलिस पर पुस्तकालय में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों पर लाठीचार्ज करने का आरोप लगाया।