नई दिल्ली : जनकपुरी वेस्ट से बाहरी दिल्ली रिंग रोड पर सफर करने वालों लोगों को ढाई साल बाद मेट्रो का तोहफा मिल सकता है। जनकपुरी वेस्ट से आर के आश्रम मेट्रो स्टेशन के बीच बनने वाले कॉरिडोर का निर्माण सोमवार से शुरू हो गया। यह दिल्ली मेट्रो फेस 4 योजना के तहत पहली लाइन है।
इस संबंध में डीएमआरसी के कार्यकारी निदेशक, कॉर्पोरेट संचार अनुज दयाल ने बताया कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक डॉ मंगू सिंह की उपस्थिति में सोमवार को हैदरपुर बादली मोड़ पर पाइलिंग कार्य शुरू किया गया। जारी टेंडर के तहत 10 एलेवेटेड स्टेशनों का निर्माण होगा।
इसमें केशोपुर, पश्चिम विहार, पीरागढ़ी, मंगोलपुरी, पश्चिम एन्क्लेव, पुष्पांजलि, दीपाली चौक, मधुबन चौक, प्रशांत विहार और पीतमपुरा उत्तर शामिल हैं। इसके अलावा केशोपुर से हैदरपुर बादली मोड तक एलिवेटेड वायडक्ट, एलिवेटेड रैंप, साइडिंग लाइन और स्टेशन भवनों का डिज़ाइन और निर्माण शामिल है।
उन्होंने कहा कि यह मैजेंटा लाइन का विस्तार है। जिसे 30 माह में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस कॉरिडोर के बाकी स्टेशनों के लिए टेंडर प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
सबसे ऊंचा स्टेशन होगा हैदरपुर बादली मोड़
दिल्ली मेट्रो फेस 4 के तहत हैदरपुर बादली मोड़ पर बनने वाला प्लेटफार्म अबतक का सबसे ऊंचा स्टेशन होगा। फिलहाल पिंक लाइन के तहत बना मयूर विहार फेज 1 का मेट्रो स्टेशन सबसे ऊंचा है। इसकी ऊंचाई 22 मीटर है। जबकि हैदरपुर बादली मोड़ की ऊंचाई साढ़े 23 मीटर हो जाएगी।
मेट्रो प्रशासन ने बताया कि हैदरपुर बादली मोड़ पर बनने वाले स्टेशन की लागत कम करने के लिए फेस 3 के निर्माण के दौरान ही व्यवस्था की गई थी। हैदरपुर बादली मोड़ का फेस 4 का प्लेटफार्म फेस 3 के ऊपर बनाया जाएगा। इसकी ऊचाई 23.5 मीटर होगी।
यह अबतक का सबसे ऊंचा स्टेशन होगा। अभी मयूर विहार फेज 1 पिंक लाइन स्टेशन 22 मीटर ऊंचा है, जबकि कड़कड़डूमा स्टेशन 20 मीटर ऊंचा है।
फेस 4 में तीन कॉरिडोर को मंजूरी
फेस 4 के तहत तीन कॉरिडोर को मंजूरी दी गई है। इसमें 45 मेट्रो स्टेशन होंगे। इनकी लंबाई 61.679 किलोमीटर रहेगी। इसमें एयरोसिटी से तुगलकाबाद, आर. के. आश्रम से जनकपुरी पश्चिम और मौजपुर-मजलिस पार्क शामिल हैं।