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जेएनयू प्रशासन सख्त, कहा परीक्षाओं में शमि​ल नहीं तो प्रवेश नहीं

जेएनयू प्रशासन ने छात्रों को आगाह किया है कि वे सेमेस्टर परीक्षाओं और अन्य शैक्षिक आकलन को गंभीरता से लें, अन्यथा उन्हें इसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे।

नई दिल्ली : जेएनयू प्रशासन ने छात्रों को आगाह किया है कि वे सेमेस्टर परीक्षाओं और अन्य शैक्षिक आकलन को गंभीरता से लें, अन्यथा उन्हें इसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे। विश्वविद्यालय की विज्ञप्ति में शैक्षणिक अध्यादेश का हवाला देते हुए कहा गया है कि जो छात्र सेमेस्टर के अंत में होने वाली 12 दिसम्बर से शुरू हो रही परीक्षाओं में शामिल नहीं होंगे उन्हें अगले सेमेस्टर में प्रवेश नहीं मिलेगा। 
वे विश्वविद्यालय के छात्र नहीं रहेंगे। सर्कुलर में आगे कहा गया है कि एमफिल के जिन शोध छात्रों को सेमेस्टर-दो के अंत में सम्मिलित अंक औसत के आधार पर पांच अंक से कम मिलेंगे उनका शोध कार्य स्वत: समाप्त माना जाएगा। जेएनयू प्रशासन से विद्यार्थियों को चेतावनी दी है कि अगर वह जेएनयू के अकादमिक नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उनकी छात्रवृत्ति तक खत्म हो जाएगी। 
ज्ञात हो कि इससे पहले जेएनयू प्रशासन की तरफ से 17 नवंबर, 28 और 29 नवंबर को भी इस मामले में सर्कुलर जारी करते हुए छात्रों को चेताया था। बता दें कि गत एक महीने से भी ज्यादा वक्त हो गया है कि जेएनयू में विद्यार्थी छात्रावास की फीस बढ़ोतरी और नए नियमों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। विद्यार्थी फीस वृद्धि रोल बैक करने की मांग पर अड़े हैं। वहीं जेएनयू प्रशासन का कहना है कि छात्रों के प्रदर्शन के कारण संस्थान में अकादमिक गतिविधियों पर भी असर पड़ रहा है।
क्या कहना है जेएनयू प्रशासन का…
जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रो. प्रमोद कुमार ने कहा कि जिन भी छात्रों ने अकादमिक गतिविधियों एवं नियमों, मानदंडों का पालन नहीं किया तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। विवि के शैक्षणिक मानदंडों और अकादमिक कैलेंडर का पालन करना छात्रों के लिए जरूरी है। जिसके अनुसार उन्हें 12 दिसंबर से शुरू होने वाली अंतिम सेमेस्टर परीक्षा में शामिल अनिवार्य रूप से शामिल होना होगा। 
एमफिल-शोध प्रबंध-पीएचडी के छात्रों को अपनी थीसिस संबंधित स्कूलों (विभागों) को मूल्यांकन के लिए अनिवार्य रूप से जमा कराने होंगे। जिसकी अंतिम तिथि 31 दिसंबर है। इन तिथियों को जेएनयू की अकादमिक परिषद (एसी) व कार्यकारी परिषद (ईसी)  ने तय किया है। इसलिए इनमें कोई ढील नहीं दी जाएगी। अकादमिक अध्यादेश के क्लॉज-7 के मुताबिक हर एमफिल करने वाले छात्र को अपना 50 फीसदी पाठ्यक्रम पूरा करना होगा। 
अगर ये छात्र अपने पाठ्यक्रम कार्य को पूरा करते हुए 5 सीजीपीए लाने में असफल रहते हैं तो क्लॉज-8 के अनुसार दूसरे सेमेस्टर के अंत में उनका नाम विश्वविद्यालय की नामांकन सूची से हटा दिया जाएगा। साथ ही जो छात्र एमए, एमएससी पाठ्यक्रम में हैं और अकादमिक अध्यादेश के क्लॉज-9 और 11 का पालन करने में असफल रहते हैं तो उन्हें विश्वविद्यालय की नामांकन सूची से हटा दिया जाएगा।
जेएनयू छात्र संघ का मशाल जुलूस…
वहीं दूसरी ओर जेएनयू छात्र संघ का विवि प्रशासन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन जारी है। इसी क्रम में मंगलवार को विद्यार्थियों ने गंगा ढाबा से लेकर फ्रीडर स्क्वाइर तक मशाल जुलूस निकाला। रात करीब दस बजे मशाल जुलूस में शामिल हुए विद्यार्थियों का कहना है कि जब तक प्रशासन बढ़ी हुई फीस को वापस नहीं लेता है तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा।
जेएनयू शिक्षक संघ करेगा भूख हड़ताल…
जेएनयू शिक्षक संघ भी लगातार विद्यार्थियों की मांग के समर्थन में आंदोलन कर रहे हैं। बुधवार को शिक्षक संघ कुलपति को हटाने, एमएचआरडी द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने और बढ़ी हुई छात्रावास शुल्क को वापस लेने की मांग को लेकर सुबह दस बजे से एक दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

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