जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के छात्र आज नए हॉस्टल मैनुअल के विरोध में जेएनयू से संसद तक मार्च निकाल रहे है। जेएनयू कैंपस के बाहर धारा 144 लागू कर दी गई है। विश्वविद्यालय के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं। यह मार्च संसद सत्र के पहले दिन हो रहा है।
विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं बढ़ी हुई शुल्क के खिलाफ पिछले तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने बुधवार को बढ़े हुए शुल्क में आंशिक तौर पर कमी की थी, जिसे छात्र संगठन नें आंखों में धूल झोंकने वाला करार दिया है। पुलिस ने बताया कि विश्वविद्यालय के बाहर पुलिस की 10 कंपनियां तैनात हैं और प्रत्येक कंपनी में 70-80 पुलिसकर्मी हैं।
जेएनयू शिक्षक संगठन (जेएनयूटीए) ने विश्वविद्यालय के बाहर पुलिस की तैनाती को लेकर चिंता जाहिर की है। संगठन ने कहा कि बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के प्रवेश द्वार पर पुलिस की तैनाती और अवरोधक लगाने से ऐसा प्रतीत होता है कि यह छात्रों को संसद मार्च नहीं करने देने के विचार से किया गया है। वहीं पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मार्च के रास्ते में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है। अधिकारी ने बताया कि पुलिस कर्मी संसद की ओर जाने वाले सभी प्रवेश रास्तों पर तैनात हैं।
जेएनयूएसयू ने कहा, ”ऐसे समय में जब देश में शुल्क वृद्धि बहुत अधिक पैमाने पर हो रही है, तो समग्र शिक्षा के लिए छात्र आगे आये है। हम संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन जेएनयू से संसद तक निकाले जाने वाले मार्च में शामिल होने के लिए सभी छात्रों को आमंत्रित करते हैं।”
पुलिस ने छात्रों को रोकने की तैयारी कर ली है। बताया जा रहा है कि छात्रों को मार्च की इजाजत नहीं दी गई है। छात्र कैंपस से बाहर ना निकलें इसकी पूरी तैयारी भी की गई है। सूत्रों के अनुसार, छात्रों ने मार्च के लिए पोस्टर भी छपवाए हैं और जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी गेट के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
दिल्ली के बाहर के छात्रों से छात्र संघ ने आंदोलन आयोजित करने की अपील की। इसी बीच जेएनयू के कुलपति जगदीश कुमार ने उन्होंने कहा, “कल से एक नया हफ्ता शुरू होगा और मैं छात्रों से अनुरोध करता हूं कि आप कक्षाओं में वापस आइए और अपने शोध कार्यों को आगे बढ़ाइए। 12 दिसंबर से सेमेस्टर परीक्षाएं शुरू होंगी और अगर आप कक्षाओं में नहीं जाएंगे तो इससे आपके भविष्य के लक्ष्य प्रभावित होंगे।”
उन्होंने कहा कि इस अवधि को लेकर छात्रों को किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिलेगी। उन्होंने ये भी बताया है कि एमफिल कोर्स के नियमानुसार 50 फीसदी अंक लाना अनिवार्य हैं। साथ ही, 5 सीजीपीए हासिल करना होता है।
जेएनयू की सामान्य कार्यप्रणाली बहाल करने लिए समिति बनी
मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने सोमवार को तीन सदस्यीय एक समिति गठित की, जो जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की सामान्य कार्यप्रणाली बहाल करने के तरीकों पर सुझाव देगी। अधिकारियों ने बताया कि जेएनयू पर एचआरडी मंत्रालय की समिति छात्रों एवं प्रशासन से बातचीत करेगी और सभी समस्याओं के समाधान के लिए सुझाव देगी।
उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय के छात्र उस मसौदा छात्रावास नियमावली के खिलाफ तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं जिसमें छात्रावास का शुल्क बढ़ाने, ड्रेस कोड तय करने और छात्रावास में आने-जाने का समय तय करने की बात की गई है।