भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने शनिवार को उत्तरपूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा में 42 लोगों की जान चली गई थी। इस दौरान मरने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देने और शांति संदेश मार्च का जंतर-मंतर पर आयोजन किया।
जंतर-मंतर में सैकड़ों की तादात में तिरंगा झंडा लेकर लोग इकट्ठा हुए और ‘जय श्री राम’ व ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। भाजपा नेता कपिल मिश्रा भी यहां मौजूद थे। हालांकि, उन्हें मंच से नीचे और लोगों की भीड़ के पास बैठाया गया था। वे ना तो मंच पर गए और ना ही उन्होंने भाषण दिया।
मिश्रा ने सुबह ट्विटर के माध्य से लोगों से अनुरोध किया था कि वे जंतर मंतर पर होने जा रहे शांति मार्च में भाग लेने के लिए आएं। कपिल ने इस दौरान मीडिया से भी बात नहीं की और सवालों के जवाब देना उचित नहीं समझा। जैसे ही मिश्रा जंतर-मंतर पहुंचे उनके समर्थकों ने ‘देखो देखो कौन आया, शेर आया-शेर आया’ के नारे लगाए।
हिंसा के दौरान जिन लोगों के घर-दुकाने जल गईं थी, उन्होंने भी शांति मार्च में भाग लिया। हलांकि, कुछ तख्तियों पर लिखा था- ‘रतन लाल क्यों मारा गया’, ‘मंदिर क्यों जलाए जा रहे हैं’, ‘स्कूलों को आग के हवाले क्यों किया जा रहा है’ और ‘सीएए के विरोध के नाम पर आतंक को नहीं सहेंगे।’ कुछ पूर्व सैनिक भी इस दौरान मंच पर आए, जिन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून भारतीय नागरिकों के खिलाफ नहीं है।