दक्षिणी दिल्ली : शाहीन बाग इलाके में चल रहे धरना प्रदर्शन के बीच उस वक्त अफरातफरी का माहौल बन गया, जब कश्मीरी पंडितों के साथ वहां पर मौजूद प्रदर्शनकारियों के बीच हाथापाई की नौबत खड़ी हो गई। दरअसल, यहां पर कुछ कश्मीरी पंडित पहुंचे थे। यहां पर पहुंचने के दौरान हमे न्याय दो के नारे लगाए।
जिस पर प्रदर्शनकारियों ने विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि आप हमारे धरना स्थल पर इस तरह के नारे नहीं लगा सकते हैं। इस बीच मामला और गंभीर हो गया। कश्मीरी पंड़ित को जैसे-तैसे लोगों के गुस्से से निकालकर बाहर किया गया। दरअसल, कश्मीरी कार्यकर्ता सतीश महालदार यहां पहुंचे थे।
उन्होंने कहा कि शाहीन बाग में सीएए को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने ‘जश्न-ए-शाहीन’ कार्यक्रम के आयोजन की घोषणा की है। इसी दिन 30 साल पहले कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़ने पर मजबूर किया गया था।
‘गीतों के नाम एक शाम’ का आयोजन
शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। रविवार को जश्न-ए-शाहीन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें कविता और गीतों के नाम से माहौल बनाया गया।
प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस ने की मीटिंग
शाहीन बाग के 13 नंबर रोड पर बैठे लोगों को उठाने के लिए पुलिस बीच का रास्ता निकालने में जुटी है। इसे लेकर शाहीन बाग थाने में दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी पहुंच रहे हैं। रविवार को भी पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के साथ एक मीटिंग की। जिसमें विरोध प्रदर्शन से जुड़े बड़े लोगों को बुलाया गया।
राजनीति चमकाने के लिए लोग पहुंच रहे शाहीन बाग
कश्मीरी समिति दिल्ली के कार्यकारी सदस्य रहे मनोज कुमार कौल ने बताया कि जिस शख्स को लेकर शाहीन बाग में हाथापाई की नौबत आई, वह व्यक्ति कश्मीरी समिति दिल्ली से बर्खास्त किया गया है, और उसका कश्मीरी समिति दिल्ली से लेना देना नहीं है, उसके साथ दो और लोग हैं जो खुद को कश्मीरी पंड़ित के नाम पर अपनी राजनीति चमकाने के लिए शाहीन बाग व अन्य धरना स्थल पर पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये शख्स 1990 से 2017 तक कहां था, ये सवाल है। बीते दो साल में कहां से आया।
सीएए के समर्थन में जंतर-मंतर पर जुटे कश्मीरी पंडित
जंतर-मंतर पर रविवार को कश्मीरी समिति दिल्ली के तत्वावधान में सीएए के समर्थन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें भारी संख्या में कश्मीरी पंडित एकजुट हुए। यहां पर सभी ने इस कानून को देशहित में बताया।