नई दिल्ली : दिल्ली में 500 स्थानों से गुरुवार को प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के नेतृत्व में विधायक व विधानसभा प्रत्याशी जलबोर्ड की सप्लाई का पानी बोतलों में सैंपल के तौर पर मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को देना चाहते थे, लेकिन न तो मुख्यमंत्री ने दूषित पानी लिया और न ही उनका कोई प्रतिनिधि जल लेने के लिए आया। इस अवसर पर मनोज तिवारी ने कहा कि आज हम यह पानी केजरीवाल को पिलाने आए हैं, लेकिन प्रशासन की मदद से उन्होंने हमें रोक दिया है, लेकिन तीन महीने बाद दिल्ली की जनता केजरीवाल को इसका जवाब देगी।
प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते उन्होंने कहा कि दिल्ली की सत्ता में आने के बाद केजरीवाल ने कहा था कि 2017 तक दिल्ली के लोगों को साफ पानी मुहैया करवाएंगे, लेकिन केजरीवाल ने ऐसा नहीं किया। लोगों को जहरीला पानी दिल्ली जलबोर्ड के माध्यम से सप्लाई किया जाने लगा तो केजरीवाल ने 2024 तक पानी देने की एक और तारीख घोषित कर दी। केजरीवाल पानी देने को लेकर दिल्ली की जनता को तारीख पर तारीख दे रहे हैं, लेकिन साफ पानी नहीं दे रहे हैं। तिवारी ने कहा कि शर्म आनी चाहिए ऐसे मुख्यमंत्री को जो अपनी अकर्मण्यता छुपाने के लिए जनता के बीच झूठ का दुष्प्रचार करता है।
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि केन्द्र सरकार ने प्रदूषण और दूषित पानी को लेकर कई महत्वपूर्ण बैठक की, लेकिन दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एक भी आपातकाल बैठक नहीं बुलाई है। यह कैसा राज है, यह कैसी सरकार है जो राजधानी के लोगों को मरने के लिए छोड़ रही है। दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि आज हमने दिल्ली के 500 अलग-अलग स्थानों से पानी के नमूने लेकर जनता के दर्द के प्रतिनिधि के रूप में केजरीवाल सरकार को अकर्मण्यता की गहरी नींद से जगाने का प्रयास किया है।
कार्यक्रम संयोजक व प्रदेश महामंत्री कुलजीत सिंह चहल ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्ली की जनता को साफ पानी देने में विफल रहे हैं और ऐसे मुख्यमंत्री को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। दिल्ली प्रदेश महामंत्री रविन्द्र गुप्ता ने कहा कि पानी की समस्या दिल्ली में लगातार बढ़ती जा रही है और मुख्यमंत्री केजरीवाल अपनी ही पीठ थपथपा ने में इतने मग्न हैं कि उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता की आज जनता जहरीली सांसे लेने को मजबूर है और पानी भी दूषित हो चुका है।