नई दिल्ली : डीजल-पेट्रोल की कीमतों में केंद्र सरकार द्वारा की गई कमी और दिल्ली नगर निगमों के फंड को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ट्वीट का जवाब शनिवार को दिल्ली प्रदेश भाजपा ने प्रेसवार्ता कर दिया। इसमें प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के साथ ही तीनों निगमों के महापौर ने एक के बाद एक आंकड़ों की जुबानी मुख्यमंत्री पर हमला बोलते हुए उन्हें झूठ बोलने का रिकॉर्ड बनाने वाले मुख्यमंत्री करार दिया।
तिवारी ने डीजल-पेट्रोल के मामले केजरीवाल पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने भी पिछले दो साल में तेल पर वैट को 15 प्रतिशत से बढ़ा कर 27 प्रतिशत कर दिया है। तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में उछाल की वजह से केंद्र के साथ ही भाजपा शासित प्रदेशों ने भी अपने टैक्सों में कमी की है। वहीं दिल्ली के लोगों द्वारा कीमत कम होने की वजह से उत्तर प्रदेश जाकर तेल भरवाने पर मुख्यमंत्री को धिक्कारते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री को रविवार सुबह अपने करों में कम से कम पांच रुपए कम करने की चुनौति भी दी।
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फंड का पाखंड… दिल्ली सरकार द्वारा नगर निगमों को दिए गए फंड को खा जाने के आरोप पर सफाई देने के लिए तीनों नगर निगमों के महापौर मैदान में उतरे। तीनों ने एक के बाद एक निगम का हिसाब देते हुए मुख्यमंत्री पर इस मामले में भी झूठ बोलने का आरोप लगाया। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर आदेश गुप्ता ने बताया कि दस दिनों में फंड देने का वादा करके वह इसे रूकवाने के लिए कोर्ट चले गए थे, लेकिन जब कोर्ट में उनकी एक न चली तब जाकर 500 करोड़ रुपए का फंड दिया है, जो उंट के मुंह में जीरे के समान है।
वहीं पूर्वी दिल्ली नगर निगम के महापौर बिपिन बिहारी सिंह ने इस मामले पर खुले बहस की चुनौति देते हुए कहा कि केवल साल 2017-18 का सरकार को 1904 करोड़ रुपया देना है लेकिन दिया केवल 323 करोड़ है, जो केवल कर्मचारियों के वेतन में चला जाएगा। वहीं दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के महापौर नरेंद्र चावला ने 1580 करोड़ रुपए के बकाए की जगह केवल 536 करोड़ रुपए ही देने का आरोप लगाया।