देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस का कहर अब कम हो गया है। इस बीच अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि अगर दिल्ली सरकार ये सोचती कि हम कोरोना से अकेले जीत लेंगे, तो हम विफल हो जाते। इसलिए हम केंद्र सरकार, गैर सरकारी संगठनों और धार्मिक संगठनों सहित सभी के पास गए। आज मैं भाजपा और कांग्रेस सहित सभी पार्टी को धन्यवाद करता हूं।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि “1 जून को दिल्ली में 4,100 बेड थे, आज 15,500 बेड हैं। 1 जून को दिल्ली में केवल 300 ICU बेड थे और आज 2,100 आईसीयू बेड हैं, जिनमें से 1,100 खाली हैं। जिसकी वजह से आज लोगों में यह विश्वास है कि अगर उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, तो बेड की कोई कमी नहीं होगी।
केजरीवाल ने कहा कि “अनुमान के अनुसार, दिल्ली में 15 जुलाई तक 2.25 लाख केस होने थे, लेकिन सबके प्रयासों के बाद आज के मामले अनुमान के हिसाब से आधे हैं।आज हमारे पास 1.15लाख मामले हैं, अनुमान के अनुसार अस्पतालों में 34000 बेड की जरूरत होगी लेकिन आज 4000 बेड की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली में रोजाना कोविड-19 के 20,000 से 23,000 नमूनों की जांच कर रहे हैं वहीं दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमित 18,600 लोगों का उपचार चल रहा है, केवल 4,000 बिस्तरों पर ही मरीज हैं।
वहीं दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंगलवार को जारी बुलेटिन के मुताबिक, दिल्ली के अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के लिए 11,000 से अधिक बिस्तर उपलब्ध हैं। इसके मुताबिक, दिल्ली में कुल 15,300 बिस्तर हैं, जिनमें से 11,106 खाली पड़े हैं।
राष्ट्रीय राजनधानी में कोविड-19 के हालात के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने होटलों और बैंक्वट हॉल में भी बिस्तरों की व्यवस्था की है जो अस्पतालों से जुड़े हुए हैं। पिछले महीने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अगर अन्य राज्यों से इलाज कराने के लिए लोग आते रहे तो 31 जुलाई तक 1.5 लाख बिस्तरों की आवश्यकता होगी।