हरिद्वार : पतंजलि योगपीठ हरिद्वार में आयोजित दो-दिवसीय राष्ट्रीय ज्ञानकुंभ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उद्घाटन किया। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राष्ट्रपति का स्वागत किया। इसके बाद हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ पहुंचकर राष्ट्रपति ने ज्ञानकुंभ का उद्घाटन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के खूबसूरत प्राकृतिक वातावरण के बीच ज्ञानकुंभ में आकर हर्ष महसूस हो रहा है।
हरिद्वार कुंभ के आयोजन की पावन भूमि रही है। आधुनिक ज्ञान और शिक्षा में योग के महत्व को बढ़ाने में स्वामी रामदेव का योगदान महत्वपूर्ण है। आज भारत और विश्व में योग को घर-घर अपनाया जा रहा है। शिक्षा से मेरा आत्मिक जुड़ाव रहा है। इस आयोजन का मकसद उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है। यहां दो दिन में उच्च शिक्षा और भारतीय ज्ञान परंपरा पर सार्थक विमर्श के लिए मेरी शुभकामनाएं हैं। भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूचि में शिक्षा को अनिवार्य स्थान दिया गया है।
यह केंद्र और राज्यों की जिम्मेदारी है। उन्होंने आगे कहा कि डॉ. कलाम के अंदर का शिक्षक सदैव सक्रिय रहा। राष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त होते ही वह दोबारा अपने शिक्षण के काम के लग गए। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय विश्विद्यालय में भी रशियन स्टडीज़ आदि के केंद्र स्थापित किये जाने की आवश्यकता है।
– संजय चौहान