कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से सरकार ने दिल्ली समेत देश के सभी राष्ट्रीय संग्रहालयों और स्मारक स्थलों को 31 मार्च तक बंद कर दिया है। इसके बाद दिल्ली की ऐतिहासिक कुतुब मीनार और लोटस टेम्पल के आसपास रौनक ही खत्म हो गई है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) संरक्षित कुतुब मीनार का रिसेप्शन पंद पड़ा हुआ है। यहां का नजारा काफी उदासीन दिख रहा है और आसपास कुछ निजी सुरक्षा गार्ड और एक छोटी अस्थायी दुकान के अलावा और कुछ नजर नहीं आ रहा।
कुतुब मीनार के बाहर खाने-पीने की चीज बेचने वाले राम लाल ने कहा, ‘मैंने इसे अभी खोला है। साल का यह समय, जब न तो बहुत गर्मी है और न ही ज्यादा ठंड है, यह व्यापार के हिलाज से पीक सीजन है। मगर कोरोना की वजह से इस बार धंधा ही चौपट हो गया है’
बंद कुतुब मीनार के रिसेप्शन पर मौजूद एक सरकारी कर्मचारी ने कहा, ‘अभी भी हम देख रहे हैं कि पाबंदियों से अनभिज्ञ 10 से 15 लोग इधर आते हैं। पिछले साल मध्य मार्च में हमें बड़ी मुश्किल से भीड़ को नियंत्रित करना पड़ा था। यह भी एक विडंबना ही है।’
संस्कृति मंत्रालय द्वारा संसद में साझा आंकड़ों के अनुसार, 2018-19 में कुतुब मीनार में 29 लाख पर्यटकों ने दौरा किया था।
मगर विडंबना यह है कि कोरोना के प्रकोप के चलते अब यहां खामोशी छाई हुई है।
दक्षिणी दिल्ली स्थित लोटस टेम्पल में कुतुब मीनार जैसी खामोशी तो नहीं मिली, मगर यहां पर भी लोगों की चहमकदमी 90 फीसदी तक कम हो गई है।
जब मंदिर का दौरा किया, तो मंदिर के आसपास मुश्किल से 100 लोग दिख रहे थे, जबकि मुख्य मंदिर क्षेत्र बंद था।