नई दिल्ली : दिल्ली की सिविक एजेंसियों में आपसी तालमेल की कितनी कमी है, इसका जीता जागता उदाहरण जनकपुरी पंखा रोड पर बन रहे साइकिल ट्रैक पर नजर आता है। एक तरफ दिल्ली सरकार का लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) लगभग 90 लाख रुपए खर्च कर साइकिल ट्रैक बना रही है, तो दूसरी तरफ दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने इसी ट्रैक के बीचों-बीच अपने दो फिक्स कांपैक्टर ट्रांसफर स्टेशन (एफसीटीएस) बना दिए हैं। अब साइकिल ट्रैक के लिए जगह नहीं बची है।
सत्येंद्र जैन ने किया था उद्घाटन
बीते वर्ष 14 सितंबर को दिल्ली के लोक निर्माण मंत्री सत्येंद्र जैन ने इस साइकिल ट्रैक का उद्घाटन किया था। जनकपुरी में सोलंकी पुल से जनकपुरी ए2 ब्लॉक तक इस साइकिल ट्रैक का निर्माण कराया जाना है। दिल्ली सरकार की योजना है कि दिल्ली में अधिक से अधिक लोगों को साइकिल चलाने के लिए प्रेरित किया जाए। इसी के लिए दिल्ली के विभिन्न इलाकों में पीडब्लूडी की ओर से साइकिल ट्रैकों का निर्माण कराया जा रहा है।
31 एफसीटीएस बनाने हैं दक्षिणी निगम को
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को अपने इलाके में 31 एफसीटीएस बनाने हैं। इनमें से दो का निर्माण जनकपुरी पंखा रोड पर किया गया है। दिलचस्प बात यह है कि जनकपुरी में बनाए गए दोनों एफसीटीएस बनाने के लिए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने पीडब्ल्यूडी से इजाजत मांगी थी। पीडब्ल्यूडी की ओर से भेजे गए लेटर में स्पष्ट लिखा गया है कि पीडब्ल्यूडी को एफसीटीएस बनाने से कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते उनसे साइकिल ट्रैक पर कोई फर्क न पड़े। निगम अधिकारियों ने पीडब्ल्यूडी के लेटर को पढ़े बिना अपना काम पूरा कर दिया है। जिससे अब लगभग 90 लाख रुपए की कीमत के साइकिल ट्रैक की योजना खटाई में पड़ गई है।
एलजी तक पहुंचा मामला
मामले में पूर्व निगम पार्षद संजय पुरी ने दिल्ली के एलजी अनिल बैजल से शिकायत की है। संजय पुरी का कहना है कि दिल्ली की दो महत्वपूर्ण एजेंसियों में आपसी तालमेल नहीं है। जिसका खामियाजा दिल्ली की जनता को भुगतना पड़ रहा है। पुरी ने एलजी को लिखे लेटर में मांग की है कि जिन अधिकारियों की लापरवाही से यह काम हुआ है उनके खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए।
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– सज्जन चौधरी