वामदलों ने सोमवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के खिलाफ पिछले दो सप्ताह से जारी देशव्यापी आंदोलनों को दबाने के लिये की गयी कथित पुलिस कार्रवाई के विरोध में दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया।
माकपा और भाकपा सहित अन्य वामदलों ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ आंदोलन में पुलिस कार्रवाई के दौरान घायल हुये लोगों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिये धरने का आयोजन किया था। उल्लेखनीय है कि सीएए विरोधी आंदोलनों में हिंसा के दौरान 26 लोगों की मौत हो चुकी है और तमाम लोग घायल हुये।
मृतकों में 16 उत्तर प्रदेश से हैं। कड़ाके की सर्दी के बीच वामदलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आंदोलनकारियों की हौसला अफजाई के लिये धरने में शिरकत की। इनमें माकपा के पूर्व सांसद हन्नान मोल्लाह और सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश शामिल थे।
मोल्लाह ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार ने संविधान की मूल भावना के विरुद्ध जाकर सीएए पारित किया और अब एनआरसी को पूरे देश में लागू करने जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह कदम देश को धर्म के आधार पर बांटने के लिये उठाया है। उन्होंने कहा कि वामदलों ने सरकार की इस कोशिश को नाकाम करने के लिये एक जनवरी से आठ जनवरी तक विरोध प्रदर्शन करने और नौ जनवरी को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।