मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए नामांकनपत्र दाखिल होने का कार्य शुरू होने में लगभग दो सप्ताह का समय शेष रहते अब सभी की निगाहें सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची पर लगी हुई हैं। राजनैतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि पंद्रहवीं विधानसभा के गठन के लिए काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे इस चुनाव के नतीजे प्रत्याशियों के चयन पर काफी हद तक निर्भर करेंगे।
मध्यप्रदेश में हमेशा की तरह मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है। 15 वर्षों से सत्ता से बाहर कांग्रेस की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) से चुनावी गठबंधन की संभावनाएं लगभग समाप्त हो गई हैं। इसके अलावा महाकौशल अंचल के आदिवासी क्षेत्रों में प्रभाव रखने वाली गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी अपने ही बूते पर चुनावी रण में उतरने की घोषणा कर चुकी है। इसलिए माना जा रहा है कि कांग्रेस भी अब सभी 230 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।
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प्रत्याशियों के चयन की कवायद दोनों ही प्रमुख दलों में कई दिनों से चल रही है और कई स्तर पर इस मुद्दे को लेकर चर्चाएं और सर्वेक्षण हो चुके हैं। मौजूदा विधायकों के बड़ी संख्या में टिकट कटने की चर्चाओं के बीच भाजपा में दावेदारों की बढ़ती संख्या के कारण पार्टी ने अब आम कार्यकर्ताओं से रायशुमारी करने का निर्णय लिया है। आज और कल पार्टी के सभी 56 संगठनात्मक जिलों में वरिष्ठ नेताओं को कार्यकर्ताओं से रायशुमारी कर रिपोर्ट प्रदेश संगठन को सौंपने का निर्देश दिया गया है। इस रिपोर्ट पर प्रदेश स्तर के नेता मंथन कर प्रत्याशियों का पैनल बनाकर केंद्रीय संगठन को भेजेंगे और वहां पर उम्मीदवार का अंतिम फैसला होगा।
माना जा रहा है कि भाजपा की पहली सूची इस माह यानी कि अक्टूबर माह के अंत तक आएगी। नामांकनपत्र दाखिले का कार्य सभी 230 सीटों पर दो नवंबर को अधिसूचना जारी होने के साथ शुरू हो जाएगा और यह कार्य 9 नवंबर तक चलेगा। भाजपा के शेष प्रत्याशियों की सूची दो या तीन बार में नवंबर के पहले सप्ताह में ही जारी होने की संभावना है। पार्टी ऐसा रणनीतिक तौर पर टिकट के दावेदारों की नाराजगी को दूर करने के लिए कर सकती है। वहीं, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस में भी प्रत्याशियों की पहली सूची का काफी दिनों से इंतजार किया जा रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा था कि पहली सूची (जिन सीटों पर प्रत्याशियों को लेकर ज्यादा दावेदार नहीं) सितंबर माह में ही आ जाएगी। लेकिन अक्टूबर के तीसरे सप्ताह के बाद भी पहली सूची जारी नहीं हो सकी है। अब माना जा रहा है कि दशहरे के बाद यानी अगले सप्ताह कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होगी। प्रदेश कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि लगभग 100 प्रत्याशियों की सूची अक्टूबर माह समाप्त होने के पहले जारी होने की संभावना है।
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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी स्वयं ही एक एक सीट पर नजर रखे हुए हैं। प्रत्याशियों के चयन में क्षेत्रीय क्षत्रपों की पसंद को भी ज्यादा तरजीह नहीं दी जाएगी। इस बार प्रत्याशियों के चयन का एकमात्र आधार ‘जीतने वाला प्रत्याशी’ रखा गया है। इसके लिए विभिन्न स्तरों पर सर्वेक्षण कराए गए हैं और इनकी रिपोर्ट काफी मायने रखेगी। वहीं आम आदमी पार्टी (आप) लगभग 150 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। बसपा और सपा भी कुछ सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर ताल ठोक चुकी है।
बता दें कि राज्य में सभी 230 सीटों के लिए मतदान 28 नवंबर को होगा और 11 दिसंबर को नतीजे आने के साथ नई सरकार के गठन को लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी। कुल 230 सीटों में से 148 सामान्य वर्ग के लिए हैं, जबकि 35 अनुसूचित जाति और 47 अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए सुरक्षित हैं। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 165 सीटों पर ऐतिहासिक विजय हासिल कर लगातार तीसरी बार सरकार बनाई थी। उस समय कांग्रेस सिमटकर 58 पर रह गई थी। बसपा को चार सीटों पर संतोष करना पड़ा था तथा तीन निर्दलीय उम्मीदवार विधानसभा में पहुंचे थे।