नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के सबसे पुराने और सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) की पहचान अब तक तो डॉक्टर बनाने वाले संस्थान की रही है, लेकिन अब यह बदल कर एक ऐसे कॉलेज की हो जाएगी, जो न सिर्फ बिजली बनाता है बल्कि बेचता भी है। ऐसा करने वाला यह दिल्ली सरकार का पहला मेडिकल कॉलेज भी बन गया है। कॉलेज के डीन डॉ. प्रो. राम जी की मानें तो बिजली के खर्च को कम करने के लिए सरकार ने सोलर पैनल लगाने की पहल की थी।
इसके तहत कॉलेज के पैथोलॉजी ब्लॉक के छत पर सोलर पैनल लगाए गए थे। इसी सप्ताह इस पैनल ने काम करना शुरू कर दिया है। डॉ. राम जी के अनुसार इन सोलर पैनलों से 200 केडब्ल्यूपी बिजली का उत्पादन होने लगा है। जो न सिर्फ इस इमारत में बिजली की सारी खपत को पूरी कर रही है बल्कि बिजली सप्लाई करने वाली कंपनियों को भी बिजली दी जाने लगी है।
डीन के अनुसार अभी लगे सिस्टम मे बिजली स्टोर करने की व्यवस्था नहीं है। इसलिए वर्तमान में सोलर पैनल से मिलने वाली बिजली का इस्तेमाल केवल दिन में ही हो पा रहा है। रात में कॉलेज में पढाई नहीं होती, इसलिए जरूरत भी कम होती है। उसके लिए बिजली कंपनी से ही बिजली ली जा रही है। उनका कहना है कि आने वाले दिनों में इसे कॉलेज की दूसरी और मुख्य इमारत पर भी लगाया जाएगा। जिसके बाद कॉलेज की पूरी इमारत सौर ऊर्जा से ही जगमगाएगी।
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