दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर आज भाजपा मंदिर प्रकोष्ठ ने विरोध प्रदर्शन किया। वे केजरीवाल सरकार द्वारा मंदिर के पुजारियों के साथ भेदभाव और उनके साथ किए जा रहे व्यवहार का विरोध कर रहे हैं। विरोध में 5000 से अधिक लोग थे, जिनमें दिल्ली के विभिन्न हिस्सों के संत, ब्राह्मण और मंदिर के पुजारी शामिल थे। वे सभी केजरीवाल सरकार से मस्जिदों के इमामों के बराबर मासिक वेतन देने की मांग के नारे लगा रहे थे।
केजरीवाल दुर्योधन जैसा व्यवहार कर रहे हैं
इस मौके पर सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि हिंदू समाज सबसे सहनशील समाज है। लेकिन जब उसकी सहने की शक्ति समाप्त हो जाती है। तो महाभारत जैसा युद्ध भी हो जाता है। आज दिल्ली के मंदिरों के पुजारियों के साथ केजरीवाल दुर्योधन जैसा व्यवहार कर रहे हैं। जिसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा और इस हक की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा संकल्पित है कि जो व्यवस्था या सुविधा अन्य समुदाय को मिल रही है। वे सारी व्यवस्थाएं पुजारियों को भी मिलेगी।
लोकतंत्र में सब का समान अधिकार है
दिल्ली भाजपा कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली सरकार की भ्रष्ट अरविंद केजरीवाल सरकार ने संत समाज एवं ब्राह्मण समाज के साथ कुठाराघात किया है। उन्होंने कहा कि जब एक विशेष समुदाय को केजरीवाल सरकार एक विशेष पैकेज के तहत सैलरी दे रही है तो संत समाज के साथ अन्याय पूर्ण रवैया क्यों ? आगे सचदेवा ने कहा कि भ्रष्टाचार की जननी केजरीवाल सरकार ब्राह्मणों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। लोकतंत्र में सब का समान अधिकार है, फिर ब्राह्मणों एवं साधु संतों के साथ की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने पर केजरीवाल सरकार को जवाब देना होगा।
अलग-अलग तीखे ज्ञान बयान देना उनकी मानसिकता को दशार्ता है
उन्होंने कहा कि जहां प्रधान मंत्री अपनी प्राचीन धरोहर को पुर्नजीवित कर हिंदुस्तान को एक विराट शक्ति बनाने में लगे हैं, वहीं दिल्ली की केजरीवाल सरकार समाज को धर्म के नाम पर बांटने में लगी हुई है। कभी हिंदू मुस्लिम के नाम पर दंगे तो कभी जाति विशेष के नाम पर उनके विधायक व मंत्री द्वारा अलग-अलग तीखे ज्ञान बयान देना उनकी मानसिकता को दशार्ता है। चुनाव आते ही केजरीवाल का चुनावी ब्राम्हण बनने की नौटंकी भी दिल्ली देख चुकी है।
हिंदुओं के साथ भेदभाव की मानसिकता
इस विरोध धरना प्रदर्शन में आए नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल सरकार हमेशा से ही हिंदुओं के साथ भेदभाव की मानसिकता के साथ पेश आती रही है। विधानसभा के अंदर भी जब कभी भी भाजपा ने यह मुद्दा उठाया उसको हमेशा से टालने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि मस्जिदों के इमामों को 40 हजार रुपये प्रतिमाह अगर सैलरी दी जा रही है। तो फिर मंदिरों के पुजारियों को क्यों नहीं, इस सवाल का जवाब आज दिल्ली के सभी मंदिरों के पुजारी मांग रहे हैं।
हमारा यह संघर्ष लगातार जारी रहेगा
मंदिर प्रकोष्ठ के संयोजक करनैल सिंह ने कहा कि भाजपा इस बात का शुरू से विरोध करती रही है कि आखिर जब मस्जिदों के इमामों को सैलरी दी जाती है। तो मंदिर के पुजारियों की क्या गलती है। जो उन्हें इस सुविधा से वंचित रखा गया है। उन्होंने कहा कि आज हजारों की संख्या में उपस्थित संत महात्मा और पुजारी इस बात के गवाह हैं कि दिल्ली में अब केजरीवाल की हिंदू विरोधी मानसिकता नहीं चलने वाली है। और हमारा यह संघर्ष लगातार जारी रहेगा। उन्होने कहा की मंदिर प्रकोष्ठ भाजपा से जुड़ा जरूर है पर इसका उद्देश्य राजनीति करना नही बल्कि संत सेवा करना है।