मराठा समुदाय को आरक्षण देने से संबंधित बहुप्रतीक्षित विधेयक को गुरुवार को महाराष्ट्र विधानसभा के पटल पर रखा गया और मराठा आरक्षण विधेयक सर्वसम्मति से पारित हुआ। महाराष्ट्र सरकार ने ‘सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा’ श्रेणी के तहत मराठा समुदाय के लिए 16 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव दिया। मराठा आरक्षण के लिए विशेष कैटेगरी SEBC बनाई गई है।
महाराष्ट्र में 76 फीसदी मराठी खेती-किसानी और मजदूरी कर जीवन यापन कर रहे हैं। वहीं सिर्फ 6 फीसदी लोग सरकारी-अर्ध सरकारी नौकरी कर रहे हैं। रिपोर्ट के आधार पर तैयार किए गए मसौदा विधेयक में कहा गया है कि सरकार को ऐसा लगता है कि मराठा समुदाय को 16 फीसदी आरक्षण देना उचित है। हालांकि, यह विधेयक सदन में पेश नहीं किया गया है।
विधेयक का मसौदा और एटीआर की प्रतियों को वितरित किया गया। एटीआर के साथ ही फड़णवीस ने मराठा समुदाय के सामाजिक, शैक्षिक तथा आर्थिक दर्जे के बारे में एसबीसीसी की अंतिम सिफारिशों और निष्कर्षों को भी पेश किया। शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश और राज्य की सरकारी नौकरियों में आरक्षण के प्रावधान संबंधी विधेयक पर दोपहर डेढ़ बजे के बाद चर्चा होगी।
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