पूर्वी दिल्ली : अब तक हर छोटी बड़ी बात पर पक्ष रखने के लिए अपने पति को फोन देने वाली पूर्वी निगम की महापौर अंजू कमलकांत ने पिछले 24 घंटे के अंदर ही यू-टर्न मार लिया है। अब वो पक्ष देने के लिए कहने पर पति को फोन नहीं दे रही हैं, बल्कि कह रही हैं कि दफ्तर आ जाओ फोन पर कुछ नहीं बोलूंगी।
दरअसल मंगलवार को एक खबर पर उनसे पक्ष जानने के लिए उन्हें फोन किया तो इस बार उन्होंने ये बात कहकर फोन काट दिया कि ‘भईया जो भी बात करनी है, ऑफिस आकर करो फोन पर कुछ नहीं बोलूंगी’। बता दें कि, पूर्वी नगर निगम की नवनिर्वाचित महापौर अंजू अपने नाम के आगे पति कमलकांत का नाम लिखती हैं।
लेकिन उन्होंने पार्षद के चुनाव लड़ने के दौरान अपने नाम के आगे पति का नाम नहीं लिखा था। यही नहीं हाल ही में महापौर के पद के लिए किए गए नामांकन में भी उन्होंने सिर्फ अंजू लिखा था। ऐसे में आधिकारिक रूप से वह अपने नाम के आगे पति कमलकांत का नाम नहीं लिख सकती हैं। निगम सचिव कार्यालय के सूत्रों की माने तो राज्य चुनाव आयोग से भी जो सूची आई है, उसमें महापौर का नाम सिर्फ अंजू लिखा हुआ है। ऐसे में बिना नाम परिवर्तन कराए बिना अंजू कमलकांत नहीं लिखा जा सकता।
100 लेटर हेड छपने के लिए भेजे
सूत्रों की माने तो निगम ने अंजू के नाम से ही 100 लेटर हेड छपने के लिए भेज दिए हैं। जबकि विजिटिंग कार्ड के लिए अभी नहीं भेजा गया है। ऐसा इसलिए किया गया है चूंकि अधिकारी अंजू नाम से बने लेटर हेड पर महापौर की प्रक्रिया जानना चाहते हैं। खास बात ये है कि महापौर के दफ्तर में जो नेम प्लेट लगा है उसमें केवल अंजू लिखा हुआ है।
तीन जगहों से कराना होगा नाम परिवर्तन
अगर महापौर अपनी जिद पर अड़ी रहती हैं और अधिकारी भी मान जाते हैं तो भी महापौर को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। उन्हें पहले तीन जगहों से परिवर्तन कराना होगा। जैसे नाम परिवर्तन का एक एफिडेविट देना होगा। इसके बाद अखबार में विज्ञापन और राज्य चुनाव आयोग में नाम परिवर्तन के लिए आवेदन करना होगा।
– प्रगनेश सिंह/कुणाल कश्यप