नई दिल्ली : दिल्ली में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से स्पष्ट शब्दों में कहा गया कि केंद्र सरकार सफाई कर्मचारियों को बकाया भुगतान के लिए कोई रकम नहीं देगी। केंद्र की ओर से एएसजी मनिंदर सिंह कोर्ट में पेश हुए थे। उन्होंने कोर्ट को बताया कि एेसा कोई संंवैधानिक प्रावधान नहीं है कि केंद्र एमसीडी को ऐसा कोई फंड जारी करे। यह जवाब कोर्ट के 500 करोड़ रुपए कब देने के सवाल पर बताया गया। जबकि हाईकोर्ट में दायर याचिका के तहत हाईकोर्ट ने सफाई कर्मचारियों को वेतन देने की मांग की। हाईकोर्ट बेंच ने कहा कि इनके भी बाल-बच्चे हैं। इनको वेतन मुहैया कराना चाहिए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में मामला चलने की वजह से हाईकोर्ट बेंच ने इसमें आगे और कुछ कहने से इंकार करते हुए याचिका को रद्द कर दिया।
केंद्र को हलफनामा दायर करने के निर्देश
कोर्ट ने केंद्र सरकार को 24 अक्टूबर तक दिल्ली सरकार के हलफनामे के जवाब में अपना हलफनामा दायर करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि बकाया वेतन की मांग को लेकर सफाई कर्मचारी12 सितंबर से हड़ताल पर हैं। पिछली सुनवाई में दिल्ली सरकार ने इस मामले में कोर्ट को बताया था कि वह एमसीडी के सफाई कर्मचारियों को बकाया सैलेरी देने के लिए 500 करोड़ रुपए देने को तैयार हैं। इस पर ही दिल्ली सरकार के सवाल पर ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से इतनी ही रकम देने के लिए जवाब मांगा था।
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इस पर केंद्र की ओर से 2 सप्ताह का समय मांगा गया था। जिस पर ही सोमवार को एएसजी ने कोर्ट को यह जवाब दर्ज कराया। कि ऐसा कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है कि केंद्र एमसीडी के लिए ऐसा कोई फंड जारी करे। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद स्पष्ट शब्दों में कहा कि केंद्र सरकार सफाई कर्मचारियों के बकाया भुगतान के लिए कोई रकम नहीं देगी। इस पर केंद्र सरकार को अपने जवाब में 24 अक्टूबर तक हलफनामा दायर करने के निर्देश दिए गए।