मेट्रो चौथा चरण : तीन प्राथमिक गलियारों के वित्तपोषण पर रुख स्पष्ट करे डीडीए - SC - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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मेट्रो चौथा चरण : तीन प्राथमिक गलियारों के वित्तपोषण पर रुख स्पष्ट करे डीडीए – SC

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को डीडीए से कहा कि वह स्पष्ट करे कि क्या वह दिल्ली मेट्रो परियोजना के चौथे चरण में तीन अहम गलियारों के लिये वित्त पोषण में दिल्ली विकास प्राधिकरण की हिस्सेदारी बढ़ाने के ईपीसीए के प्रस्ताव से सहमत है।

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को डीडीए से कहा कि वह स्पष्ट करे कि क्या वह दिल्ली मेट्रो परियोजना के चौथे चरण में तीन अहम गलियारों के लिये वित्त पोषण में दिल्ली विकास प्राधिकरण की हिस्सेदारी बढ़ाने के ईपीसीए के प्रस्ताव से सहमत है। 
पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने सर्वोच्च न्यायालय में दायर अपनी एक हालिया रिपोर्ट में कहा कि तीनों गलियारों में दिल्ली सरकार की हिस्सेदारी करीब 7,844.07 करोड़ है लेकिन दिल्ली मंत्रिमंडल ने दिसंबर 2018 में सिर्फ 5,994.50 करोड़ रुपये ही मंजूर किये। 
ईपीसीए ने कहा, “वित्तीय संदर्भ में यह अंतर लगभग 1800 करोड़ रुपये का है जो तीन प्रमुख गलियारों के लिये कुल परियोजना लागत का करीब सात फीसद बैठता है।” 
इसमें कहा गया कि डीडीए छह गलियारों के लिये 5000 करोड़ रुपये देने पर सहमत था और “पहले तीन गलियारों के लिये उसके योगदान को आंशिक रूप से या पूर्ण रूप से बढ़ाया जा सकता है…।” 
दिल्ली मेट्रो का चौथा चरण 103.94 किलोमीटर लंबा है, जिसमें छह गलियारे – ऐरोसिटी से तुगलकाबाद, इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ, लाजपत नगर से साकेत जी-ब्लॉक, मुकुंदपुर से मौजपुर, जनकपुरी पश्चिम से आर के आश्रम और रिठाला से बवाना और नरेला हैं। 
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने इस साल नौ मार्च को 61.66 किलोमीटर के तीन प्राथमिक गलियारों- ऐरोसिटी से तुगलकाबाद, आर के आश्रम से जनकपुरी (पश्चिम) और मुकुंदपुर से मौजपुर- को 24,948.65 करोड़ की लागत से मंजूरी दे दी थी। 
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और दीपक गुप्ता की पीठ ने शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए डीडीए की तरफ से पेश हुए वकील को मामले में संस्था से निर्देश लेने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी। 

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