दिल्ली में पंजाब पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए भाजपा नेता तजिंदर सिंह बग्गा को पगड़ी पहनने की अनुमति नहीं देने के मामले में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने पंजाब के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है और सात दिनों के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। इकबाल ने कहा, हमने पंजाब के बग्गा को पगड़ी न पहनने की अनुमति देने के मामले में पंजाब के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है और सात दिनों के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
यह सिख व्यक्ति के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन है : आयोग
आयोग ने कहा, हमने मीडिया रिपोर्ट्स का स्वतः संज्ञान लिया है और उनसे पूछा है कि, उन्हें पगड़ी पहनने की अनुमति क्यों नहीं दी गई। आयोग ने कहा, यह सिख व्यक्ति के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन है और यह एक गंभीर मामला है। वहीं भाजपा नेता बग्गा को हरियाणा-पंजाब कोर्ट से भी बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने शनिवार रात निर्देश दिया कि तजिंदर सिंह बग्गा के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम न उठाया जाए। इससे पहले दिल्ली भाजपा के नेता ने मोहाली की एक अदालत द्वारा दिन में जारी गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाने की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
यह सिख व्यक्ति के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन है : आयोग
आयोग ने कहा, हमने मीडिया रिपोर्ट्स का स्वतः संज्ञान लिया है और उनसे पूछा है कि, उन्हें पगड़ी पहनने की अनुमति क्यों नहीं दी गई। आयोग ने कहा, यह सिख व्यक्ति के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन है और यह एक गंभीर मामला है। वहीं भाजपा नेता बग्गा को हरियाणा-पंजाब कोर्ट से भी बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने शनिवार रात निर्देश दिया कि तजिंदर सिंह बग्गा के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम न उठाया जाए। इससे पहले दिल्ली भाजपा के नेता ने मोहाली की एक अदालत द्वारा दिन में जारी गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाने की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की अपील पर 10 मई को होगी सुनवाई
न्यायमूर्ति अनूप चितकारा ने आधी रात से ठीक पहले अत्यावश्यक आधार पर बग्गा की याचिका पर अपने आवास पर सुनवाई की। बता दें कि, बग्गा के वकील चेतन मित्तल ने उच्च न्यायालय के आदेश पर कहा, 10 मई तक कोई दंडात्मक कदम नहीं। उच्च न्यायालय बग्गा की उस याचिका पर 10 मई को विचार करेगा, जिसमें पिछले महीने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की अपील की गई है।
न्यायमूर्ति अनूप चितकारा ने आधी रात से ठीक पहले अत्यावश्यक आधार पर बग्गा की याचिका पर अपने आवास पर सुनवाई की। बता दें कि, बग्गा के वकील चेतन मित्तल ने उच्च न्यायालय के आदेश पर कहा, 10 मई तक कोई दंडात्मक कदम नहीं। उच्च न्यायालय बग्गा की उस याचिका पर 10 मई को विचार करेगा, जिसमें पिछले महीने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की अपील की गई है।