दक्षिणी दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व एनआरसी के विरोध में महीने भर से शाहीन बाग में धरने पर बैठी मुस्लिम महिलाओं ने कहा कि वह बिकाऊ नहीं हैं, और किसी भी कीमत पर बिक नहीं सकती हैं। वह अपना घर, नौकरी छोड़ कर यहां पर देश के संविधान को बचाने के लिए एकजुट हुई हैं।
मुस्लिम महिलाओं ने उस वायरल वीडियो को भी फेक बता दिया है, जो हाल में ही सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में एक लड़का बताता है कि शाहीन बाग का धरना एक प्लानिंग के तहत है। यहां पर 500 रुपये की दिहाड़ी और फ्री में बिरयानी खिलाकर भीड़ जुटाई जा रही है।
इस वीडियो के आने के बाद से ही शाहीन बाग की महिलाएं शक के घेरे में आ गईं। लेकिन इस वीडियो को मुस्लिम महिलाओं ने गलत बताया है। महिलाएं कहती हैं कि उनके धरना प्रदर्शन से केंद्र सरकार परेशान है। इसलिए इस तरह के वीडियो को जारी कर हमारे खिलाफ प्रचार किया जा रहा है।
बिकाऊ नहीं महिलाएं और न दे किसी को पैसा
शाहीन बाग में चल रहे धरने को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया आ रही है, कोई धरने के सपोर्ट में है तो कोई इसका विरोध कर रहा है। इस बीच धरना प्रदर्शन स्थल पर कई तरह के पोस्टर लगा दिए गए हैं। इन पोस्टर के माध्यम से अपील की जा रही है कि यहां पर मौजूद प्रदर्शनकारियों को पैसा न दे। इसके साथ ही साथ मंच से मुस्लिम महिलाएं अपने संबोधन में बार-बार पैसे का जिक्र कर रही हैं।