नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश मदन बी लोकुर के सेवानिवृत्त होने के बाद मॉनिटरिंग कमेटी का प्रभाव लगातार कम होता जा रहा है। न्यायाधीश लोकुर के सेवानिवृत्त होने के बाद से कमेटी अब तक एक भी बड़े फैसले नहीं ले पाई है। वहीं मंगलवार को लाजपत नगर के अमर कॉलोनी में होने वाली सीलिंग पर जिस तरह से हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मिनिस्ट्री ने हस्तक्षेप करते हुए रोक लगाई है, उससे इस बात के कयास और लगाए जाने लगे हैं कि अब मॉनिटरिंग कमेटी उतनी प्रभावशाली नहीं रही।
बता दें कि, न्यायाधीश मदन बी लोकुर इसी वर्ष मार्च माह में सेवानिवृत्त हुए हैं। वहीं हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मिनिस्ट्री के हस्तक्षेप पर मॉनिटरिंग कमेटी ने काफी नाराजगी जाहिर की है। कमेटी इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में मानहानि की एक याचिका भी दायर करने के बारे में विचार कर रही है। कमेटी का कहना है कि जिस स्पेशल एक्ट का हवाला देकर हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मिनिस्ट्री ने सीलिंग पर रोक लगाई है, उसके तहत इस कॉलोनी को लाया ही नहीं जा सकता।
मॉनिटरिंग कमेटी के फैसले से सहमत रहते थे न्यायाधीश
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनिटरिंग कमेटी में तीन सदस्य हैं। इनके फैसले पर अमूमन सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश मदन बी लोकुर सहमत रहते थे। विगत वर्ष अमर कॉलोनी में हुई सीलिंग के वक्त मॉनिटरिंग कमेटी से हाथापाही करने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस समेत कई अधिकारियों को फटकार लगाई थी। लेकिन जब से न्यायाधीश मदन बी लोकुर सेवानिवृत्त हुए हैं, उसके बाद कमेटी सीलिंग की कार्रवाई नहीं कर पा रही है।
अब सवाल यह उठता है कि क्या नए न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनिटरिंग कमेटी को उतनी ही गंभीरता से लेंगे, जितनी गंभीरता से न्यायाधीश मदन बी लोकुर लेते थे। बता दें कि, अमर कॉलोनी में अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है। यहां एक ही दिन में मॉनिटरिंग कमेटी ने करीब 400 दुकानों पर सीलिंग की थी।
अमर कालोनी निवासियों के साथ केन्द्र सरकार ने न्याय किया है : तिवारी
भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश कार्यालय पर मंगलवार को लाजपत नगर स्थित अमर कॉलोनी मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोहर चावला और वरिष्ठ सदस्य एससी खन्ना के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी से मिलकर अमर कॉलोनी में सीलिंग रद्द होने पर उनका धन्यवाद किया। प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए मनोज तिवारी ने कहा कि आज जितनी खुशी आप सभी को है उससे कहीं ज्यादा खुशी हम लोगों को है।
आप सभी लोगों की तकलीफ व दुख को हमने अनुभव किया और इस मुद्दे पर हो रही साजिश से पार्टी को अवगत कराया। अमर कॉलोनी स्पेशल प्रोविजन एक्ट-2007 के तहत प्रोटेक्टेड है, तो उसे सील करने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता। भाजपा की विचारधारा सबका साथ, सबका विकास करने की है। हम तुष्टिकरण की राजनीति नहीं करते बल्कि जनता की तकलीफों को दूर करने के लिए काम करना ही हमारा एकमात्र उद्देश्य है।
सीलिंग के तहत साजिश कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि को हानि पहुंचाने की कोशिश की गई थी, ताकि लोगों को लगे कि केन्द्र में भाजपा की सरकार है और निगम में भाजपा की सरकार है फिर भी सीलिंग हो रही है। जनता को तकलीफ होगी और वो मोदी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराएंगे।
सीलिंग रुकवाने के लिए जैन ने लिखा भूरे लाल को पत्र
दक्षिणी दिल्ली की रिफ्यूजी अमर कॉलोनी (ओल्ड डबल कॉलोनी) में सीलिंग रुकवाने के लिए दिल्ली सरकार के गृहमंत्री सत्येन्द्र जैन ने सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में मॉनिटरिंग कमेटी को पत्र लिखा है। कमेटी सदस्य भूरे लाल को लिखे इस पत्र में जैन ने एनसीटी दिल्ली लॉ (स्पेशल प्रोविजन) सेकेंड एक्ट का हवाला देते हुए कमेटी से अपील की है कि वह इस कॉलोनी में किसी भी प्रकार की सीलिंग या डेमोलेशन करने की कार्रवाई को रोकने के लिए दक्षिणी निगम अधिकारियों को ताकीद करें।
मंत्री ने पत्र में आगे कहा कि एनसीटी दिल्ली लॉ (स्पेशल प्रोविजन) सैकेंड एक्ट 2011 में संशोधन करके उसे 31 दिसंबर 2020 तब बढ़ा दिया था। संसद ने एनसीटी दिल्ली लॉ (स्पेशल प्रोविजन) सैकेंड अमेंडमेंट एक्ट (2017) पारित किया था। इससे अमर कॉलोनी में बनी इमारतों को इम्युनिटी मिलती है क्योंकि इनका निर्माण 2007 से पहले हुआ था। फिर भी दक्षिणी निगम के कर्मचारी मॉनिटरिंग कमेटी के कथित निर्देशों पर यहां सीलिंग की कार्रवाई कर रहे हैं।
– प्रगनेश सिंह