पूर्वी दिल्ली : पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) के स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के प्रोजेक्ट में देरी होने की वजह से उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा से सांसद मनोज तिवारी ने अपनी निधि से स्वीकृत किये गए 3.5 करोड़ रुपए की सिफारिश को रद्द करने के लिए निगम को पत्र लिखा है। ये कैमरे पूर्वी निगम के 28 स्कूलों में लगाये जाने थे। प्रोजेक्ट में देरी व दूसरे कामों में पैसों की जरूरत का हवाला देते हुए सांसद ने पूर्वी निगम को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है।
वहीं सांसद की माने तो यदि निगम इस फंड को खर्च करना चाहता है तो ई-रिक्शा आदि से कूड़ा उठाने में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। सांसद द्वारा निगम को लिखे पत्र में कहा है कि उन्होंने पिछले वर्ष 25 जुलाई को शाहदरा नॉर्थ जोन के 28 स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 3.5 करोड़ रुपए अपनी सांसद निधि से देने की सिफारिश करते हुए कहा था कि ये कैमरे 75 दिन के अंदर लगाए जाएं। मुझे बताया गया कि तकनीकी कारणों से यह प्रोजेक्ट पूरा होने में अभी समय लगेगा।
इसमें देरी होने की ही वजह से मैं इस मद में स्वीकृत धनराशि को निरस्त करने की सिफारिश करता हूं। यह पत्र उन्होंने गत 18 जनवरी को निगम को लिखा है जो निगमायुक्त के पास 24 जनवरी को पहुंचा। यहां बता दें कि पूर्वी निगम के 28 स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए किसी कंपनी विशेष जैसा प्रोडक्ट देने की शर्त रखे जाने पर निगमायुक्त ने 11 जनवरी को टेंडर प्रक्रिया निरस्त कर दी थी। शिकायतें मिली थीं कि कुछ बाहरी लोगों के दबाव में निगम के आला अफसरों ने एक खास कंपनी का फायदा पहुंचाने के लिए उस जैसा प्रोडेक्ट मुहैया कराने की शर्त टेंडर में रखी थी।
आरोप था कि इस कंपनी के दिल्ली में चुनिंदा डिस्ट्रीब्यूटर हैं, जिसका मालिक एक ही शख्स है और इस शर्त को लगाने पर उसे ठेका मिलना तय है। शिक्षा समिति अध्यक्ष राजकुमार बल्लन ने निगमायुक्त दिलराज कौर को टेंडर प्रक्रिया निरस्त करने के लिए पत्र लिखा था। हालांकि शिक्षा विभाग ने इस मामले में नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन अब सांसद निधि से फंड की सिफारिश निरस्त होने के बाद सीसीटीवी का यह प्रोजेक्ट भी ठप पड़ गया। वहीं इस मामले पर शिक्षा समिति अध्यक्ष राजकुमार बल्लन ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सांसद द्वारा दिया गया फंड निगम अधिकारियों की लापरवाही की वजह से वापस जा रहा है। इसीलिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।