नई दिल्ली : लोकनायक अस्पताल के पूर्व एमएस डॉ. राजकुमार नौलखा को कॉटन गाॅज की खरीद में भ्रष्टाचार के मामले में शुक्रवार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-07 (एसीबी) (सेंट्रल) की विशेष अदालत की जस्टिस किरन बंसल ने 3 साल की सजा सुना दी। जबकि आपराधिक षड्यंत्र रचने के मामले में भी उन्हें एक साल का कारावास दिया है। दोनों सजा एक साथ चलेंगी। यह फैसला चार्जशीट दायर करने के11 साल बाद आया है।
किरन बंसल ने स्टेट के एडिशनल पीपी मनोज कुमार गर्ग द्वारा पेश किए गए तर्कों के आधार पर ही यह फैसला सुनाया। नौलखा अब हाईकोर्ट में अपील दायर कर सकते हैं। नौलखा के अलावा उनके साथ लिप्त डिंपल सर्जिकल एंड साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के डिंपल बुद्धिराजा को इन दोनों मामलों में 6-6 महीने की सजा दी गई है। और उनपर डेढ़ लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है।
यह दो वजह बनी सजा की… पूर्व एमएस द्वारा की गई दो गलती उनके भ्रष्टाचार करने पर भारी पड़ी। ऑडिट के समय उन्होंने एक गलती की। उन्होंने ऑडिट के समय केवल 4 दिन में 650 पीस का कंजप्शन दिखा दिया। जबकि इससे पहले कई महीनों में जाकर 100 से 150 पीस ही खर्च होते थे। यह पीस लोगों से ही बाहर से मंगाए जाते थे। जबकि ऑडिट ने दूसरा आधार एचओडी डॉ. वाईके सरीन के बयान को बनाया। क्योंकि डॉ. वाईके सरीन ने सारी स्थिति के साथ लेटर विड्रॉ कराने वाली बात भी टीम को बताई। जिसके बाद ही 2007 में सारे सबूतों के आधार पर नौलखा और डिंपल के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई।
दिल्ली के अस्पतालों में लगी बड़े होने की होड़
2003 में हुई थी एफआईआर
2003 में स्टेट की ओर से बाल चिकित्सा सर्जरी विभाग के लिए पहली बार मंगाए गए कॉटन गॉज मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई। एमएस ने खुद 200 की जगह 2000 कर दिया। उस समय 33 लाख 55 हजार रुपए का एमएस के इस भ्रष्टाचार से गर्वमेंट को फंड का घाटा हुआ।
ऐसे पकड़े गए… स्टेट पीपी (सरकारी वकील) मनोज कुमार गर्ग ने बताया कि बाल चिकित्सा विभाग के डॉ. वाईके सरीन को जब यह पता चला कि 200 की डिमांड के स्थान पर 2000 पीस मंगवा लिए हैं। तो उन्होंने ऊपर लेटर भेजा। जिस पर एमएस ने बैठक बुलाई। और उनसे यह कहकर लेटर विड्रॉ करा लिया गया। कि बाकी के पीस कहीं और इस्तेमाल किए जाएंगे।
– इमरान खान