न्यूयार्क : केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने गुरुवार को कहा कि तपेदिक (टीबी) का अब तक चुनौती बने रहने का एक मुख्य कारण इस रोग के अनुसंधान में धन की कमी है। उन्होंने इस बीमारी के उन्मूलन के लिए नई साझेदारी की जरूरत पर जोर दिया। नड्डा ने कहा कि टीबी मुक्त भारत के दृष्टिकोण को लागू करने के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना को क्रियान्वित किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत ने वर्तमान वर्ष में योजना के क्रियान्वयन के लिए 43 करोड़ डॉलर का आवंटन किया गया हैं। यह राशि पिछले वर्ष से 54 प्रतिशत ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य टीबी के गुणवत्तापूर्ण इलाज तक सबकी पहुंच के दृष्टिकोण को हासिल करना है। वह यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 73वें सत्र में टीबी पर उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीबी से निपटने के लिए निजी प्रतिबद्धता दिखाई है क्योंकि भारत की वर्ष 2025 तक इस बीमारी के उन्मूलन की योजना है।