पूर्वी दिल्ली : कमजोर आर्थिक स्थिति से जूझ रहे पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) ने लोगों को नए करों की मार से बचाने के लिए मंगलवार को सदन की विशेष बैठक में उन पर थोपे जा रहे तीन तरह के कर प्रस्तावों को सिरे से खारिज कर दिया। निगमायुक्त ने शिक्षा उपकर से पांच प्रतिशत, दूसरा सुधार कर यानी जिन सम्पत्तियों की कीमत में बढ़ोतरी हुई है उनसे 15 प्रतिशत कर तथा आजीविका/ वृत्ति व्यवसाय टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया था।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के चेयरमैन सत्यपाल सिंह ने वर्ष 2018-19 के संशोधित बजट अनुमान तथा वर्ष 2019-2020 के बजट अनुमानों पर सदन की बैठक में अपना वक्तव्य पेश करते हुए उक्त नए कर प्रस्तावों को नकार दिया। उन्होंने कहा कि बेशक पूर्वी निगम घाटे में है लेकिन जनता पर किसी भी तरह का नया टैक्स नहीं थोपा जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 में पूर्वी निगम का लक्ष्य 469985.20 लाख रुपये प्राप्त करना है जबकि खर्च 463501.59 लाख रुपये है।
इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए फैक्ट्री लाइसेंसिग, पार्किंग, लाभकारी योजना विभाग सहित अन्य विभागों से राजस्व की प्राप्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि राजस्व के लक्ष्य का प्राप्त करने के लिए निगम के खर्चों पर भी अकुंश लगाया जा रहा है। बिजली की खपत कम करने और बिलों के दामों में कमी लाने के लिए निगम सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना कर रहा है। जिन भवनों की बिजली खपत 25 किलोवाट से ज्यादा है उन भवनों को एस्को मॉडल के आधार पर रूफटॉप अधिकार देकर उन पर सोलर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाने का प्रस्ताव पास किया था।
उन्होंने कहा कि बजट लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूर्वी निगम ने एक प्रस्ताव पास किया है जिसके अंतर्गत अनाधिकृत कॉलोनियों के सम्पत्तिधारक स्वयं अपनी सम्पत्ति का आकलन कर स्व-घोषित आधार पर सम्पत्ति कर का भुगतान कर सकेंगे। इस योजना के तहत उनको जुर्माने तथा पैनल्टी पर पूरी तरह से छूट होगी। इस योजना से नगर निगम के राजस्व में वृद्धि तो होगी ही साथ ही अधिक से अधिक सम्पत्तियां भी टैक्स के दायरे में आ सकेंगी।