निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में फांसी की सजा से बचने के लिए दोषी पवन ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है।दोषी पवन ने अपने वकील के जरिए याचिका में चुनौती देने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को को चुनौती दी है। पवन ने इस मामले के एकमात्र गवाह की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए याचिका दाखिल की है जिसमें दावा किया है कि वह एक गवाह है और उसका बयान विश्वसनीय नहीं था।
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बता दें कि निर्भया गैंगरेप मामले में दिल्ली कोर्ट ने चारों दोषियों के खिलाफ नए सिरे से डेथ वारंट जारी किया है। चौथे डेथ वारंट के तहत आरोपियों को 20 मार्च को सुबह 5.30 बजे फांसी दी जानी है । दिल्ली सरकार की ओर से नई तारीख की मांग करते हुए कोर्ट में याचिका दायर की गई थी । निर्भया मामले में दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं और इसके साथ ही फांसी पर लटकाने का रास्ता साफ हो चुका है।
बता दें कि निर्भया से 16-17 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में छह व्यक्तियों ने सामूहिक बलात्कार के बाद उसे सड़क पर फेंक दिया था। निर्भया की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गयी थी। इन छह आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी जबकि छठा आरोपी किशोर था जिसे तीन साल सुधार गृह में रखने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया।