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अमित शाह और अनिल बैजल के घरों के बाहर प्रदर्शन करने की AAP की याचिका पर पुलिस को नोटिस

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुरूप उसने राष्ट्रीय राजधानी में आवासीय क्षेत्रों में प्रदर्शन और धरना आयोजित करने पर रोक लगाने का स्थायी आदेश जारी किया है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल के आवासों के बाहर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दिए जाने को चुनौती देने वाली आप विधायकों की याचिकाओं पर शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार और पुलिस से उनका रुख पूछा। आप विधायक राघव चड्ढा तथा आतिशी मर्लेना ने यह याचिकाएं दायर की थी।
न्यायमूर्ति नवीन चावला ने दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटिस जारी कर 14 जनवरी तक दोनों आप नेताओं की याचिकाओं पर जवाब देने को कहा है। दिल्ली पुलिस की ओर से अतिरिक्त स्थायी वकील गौतम नारायण ने कोर्ट से कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर शहर में बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने पर रोक के दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के आदेशों के आधार पर दोनों आप विधायकों को प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था। 
पुलिस ने कोर्ट से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुरूप उसने राष्ट्रीय राजधानी में आवासीय क्षेत्रों में प्रदर्शन और धरना आयोजित करने पर रोक लगाने का स्थायी आदेश जारी किया है। कोर्ट ने पुलिस से हलफनामों पर उसका पक्ष बताने को कहा। दोनों आप विधायकों ने उत्तर दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) द्वारा कथित रूप से धन के दुरुपयोग किए जाने के खिलाफ 13 दिसंबर को गृह मंत्री और उप राज्यपास के आवासों के बाहर धरना देने की अनुमति मांगी थी जो उन्हें प्रदान नहीं की गयी। 
दोनों नेताओं को अन्य कार्यकर्ताओं के साथ जरूरी अनुमति के बिना दोनों जगहों पर प्रदर्शन का प्रयास करने के मामले में 13 दिसंबर को हिरासत में लिया गया था। गुरुवार को दोनों मामलों पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार राष्ट्रीय राजधानी के आवासीय क्षेत्रों में प्रदर्शन या धरना देना प्रतिबंधित है और प्रदर्शन के लिए रामलीला मैदान तथा जंतर मंतर चिह्नित हैं। 
कोर्ट ने पुलिस को सुझाव दिया था कि आप नेताओं को प्रदर्शन करने की अनुमति दी जा सकती है बशर्ते वे एजेंसी की पाबंदियों का पालन करेंगे, जैसे- दोनों जगहों पर चार-चार लोग ही धरना देंगे। कोर्ट ने गुरुवार को कहा था, ‘‘वे प्रतिबंधों को पालन करने का शपथपत्र देंगे।’’
 दोनों विधायकों की दलील थी कि उन्हें कोविड-19 की पाबंदियों और कानून व्यवस्था संबंधी चिंताओं की वजह से गृह मंत्री और उप राज्यपाल के आवासों के बाहर प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी गयी जबकि बीजेपी के पार्षदों को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर धरना देते रहने की अनुमति दे दी गयी है। 

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