भारत ‘वासुदेव कुटुम्बकम’ की बात करता है, यानि हम दुनिया को एक बड़ा परिवार मानते हैं। इसी भावना को आगे बढ़ाते हुए नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया व डूसू की अगुवाई में विवि के विद्यार्थियों ने एक फॉरेन सेल का उद्घाटन किया है। जिसमें चाइना, ईस्ट अफ्रीका, मॉरीशस, नेपाल सहित कई अन्य देशों के 25 विद्यार्थी शामिल रहे। अब तक विदेशी विद्यार्थी भारत आकर पढ़ाई करते हैं और फिर वापस देश लौट जाते हैं।
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लेकिन एनएसयूआई फॉरेन सेल के माध्यम से इन विद्यार्थियों को एक धागे में पिरोएगा और उनकी समस्याओं के साथ-साथ भारत की संस्कृति, इतिहास, स्वतंत्रता आंदोलन और महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू व डॉ. भीम राव अंबेडकर के विचारों से रू-ब-रू कराने की कोशिश करेगा। यह कहना है एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव व दिल्ली प्रभारी निखिल कांबले का। हमारी कोशिश विदेशी विद्यार्थियों के साथ उनके और भारत के दर्शन के आदान-प्रदान करना है। डूसू दफ्तर में डूसू सचिव आशीष लांबा व मनीष कुमार सहित कई कार्यकर्ताओं के बीच इसकी पहल हो चुकी है।