नई दिल्ली : दिल्ली प्रदेश में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के गठबंधन को लेकर सोमवार को भी कोई फैसला नहीं हो सका। लेकिन इस बीच जानकारी मिली कि राहुल गांधी ने दिल्ली में आप पार्टी से गठबंधन को लेकर प्रियंका गांधी से विचार-विमर्श किया है। अब देखना है कि इस राय-मशवरे में क्या निकला? दूसरी तरफ आज पूरे दिन कांग्रेस में गठबंधन की चर्चा होती रही। कांग्रेस के ही नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं के भी फोन की घंटी बजती रही और यह जानने की कोशिश देर शाम तक होती रही कि गठबंधन का क्या होगा? बहरहाल सोमवार को गठबंधन की घोषणा नहीं हो सकी। लेकिन एक बार फिर साबित हो गया कि प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर है।
इससे पहले आज सुबह राहुल गांधी के आवास पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं की बैठक हुई। इसमें एक तरफ शीला दीक्षित थीं तो दूसरी तरफ अजय माकन और पीसी चाको थे। दोनों ही अपनी-अपनी बात पर अड़े हुए हैं। प्रदेश प्रभारी पीसी चाको चाहते हैं कि दिल्ली में आप पार्टी के साथ गठबंधन हो, जबकि प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित एंड कंपनी चाहती है कि किसी भी हालत में गठबंधन न हो। राहुल गांधी के साथ 40 मिनट के करीब चली बैठक के बाद राहुल गांधी ने एक बार फिर मामले को फौरी तौर पर टाल दिया है। अगले एक-दो दिन भी गठबंधन को लेकर गहमा-गहमी रहने वाली है। सूत्रों का कहना है कि बैठक के दौरान एक बार फिर चाको और शीला के बीच हॉट टॉक हुई है।
जिसमें कहा गया है कि चाको ने कहा कि दिल्ली मे कांग्रेस इस स्थिति में नहीं है कि अकेले चुनाव जीता जा सके। इस पर शीला ने तुरंत कहा कि तो चार साल आपने पार्टी को मजबूत करने के लिए किया क्या? राहुल गांधी के साथ बैठक में प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित के साथ पूर्व सांसद जेपी अग्रवाल, योगनानंद शास्त्री व तीनों कार्यकारी अध्यक्ष मौजूद थे। इसके अलावा अजय माकन, अरविंदर सिंह लवली, सुभाष चोपड़ा, पीसी चाको आदि मौजूद थे।
इसमें शीला दीक्षित सहित छह लोग गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं जबकि पीसी चाको सहित चार लोग गठबंधन के पक्ष में हैं। अभी तक गठबंधन की तस्वीर से बाहर सुभाष चोपड़ा व अरविंद सिंह लवली भी अजय माकन के साथ खड़े हो गए हैं। यानी पिछले दिनों गठबंधन को लेकर माकन और चाको ने अंदर-अंदर ही खूब बैटिंग की है। उसी का परिणाम है कि सुभाष चोपड़ा और लवली अब गठबंधन के पक्ष में आ गए हैं।
बैठक के बाद प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया ने कहा कि हम लोगों ने अपनी बात मजबूती से राहुल गांधी के सामने रख दी है। अंतिम फैसला उन्होंने ने ही करना है। पहले माना जा रहा था कि यह घोषणा शाम तक हो जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इससे कांग्रेस के भीतर एक बार से राजनीति तेज हो गई है।
– सुरेन्द्र पंडित