नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने ई-सिगरेट की बिक्री को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए उसे निर्देश दिया कि वह ई-सिगरेट की बिक्री और खपत के विनियमन के मामले को तत्काल देखे। हाईकोर्ट ने ई-सिगरेट को गंभीर ज्वलंत मुद्दा बताया क्योंकि यह बच्चों को नुकसान पहुंचा रहा है जिन्होंने इन उत्पादों का सेवन शुरू कर दिया है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच ने दिल्ली सरकार से सवाल किया कि वह पिछले एक साल से क्या कर रही है।
एक साल पहले सरकार ने अदालत को सूचित किया था कि वह ई-सिगरेट को प्रतिबंधित करने के लिए कदम उठा रही है। बेंच ने यह भी पूछा कि अधिकारी मामले को देख भी रहे हैं या नहीं। बेंच ने कहा कि क्या आप कुछ कर रहे हैं। यह बच्चों को जो नुकसान पहुंचा रहा है। उनमें निकोटिन के तत्व को देखिए, यह गंभीर ज्वलंत मुद्दा है। हाईकोर्ट ई-सिगरेट की बिक्री और खपत का विनियमन करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिकाकर्ता के वकील ने बेंच को सूचित किया कि स्कूली बच्चों में भी ई-सिगरेट का सेवन शुरू हो चुका है। जिसमें निकोटिन होता है।
इस पर बेंच ने दिल्ली सरकार के वकील से मुख्य सचिव के जरिए एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। जिसमें ई-सिगरेट को प्रतिबंधित करने के लिए नीति बनाने के लिए उठाए गए कदमों का ब्यौरा हो। बता दें कि बीते साल दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को सूचित किया था कि सरकार ने ई-सिगरेट के उत्पादन, बिक्री और आपूर्ति पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाए हैं। साथ में लोगों को जागरूक करने के लिए भी कदम उठा रही है।