ग्रेटर नोएडा में फ्लैट बनाकर खरीदारों को पजेशन न देने वाले आठ बिल्डरों पर जल्द ही कार्रवाई हो सकती है। तीन मंत्रियों का समूह इस बात पर जोर दे रहा है कि बिल्डर दिसंबर तक 50,000 मकानों की डिलिवरी दे दे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अगस्त में यह लक्ष्य निर्धारित किया था।
नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने कहा कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे, तीनों डिवेलपमेंट अथॉरिटीज के पास इस साल तक 32,500 फ्लैट्स डिलिवरी का रोडमैप है। लेकिन कमिटी ने बाकी 17,500 फ्लैट्स डिलिवरी के प्लान की भी छानबीन की।
इस मंत्री समूह ने गौतमबुद्ध नगर एसएसपी लव कुमार को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। सोमवार को दिल्ली में हुई बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने तीन मंत्रियों के समूह को आठ बिल्डरों की सूची सौंपी जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज है। जिसमें ज़्यादातर प्रोजेक्ट ग्रेटर नोएडा वेस्ट के हैं।
यदि नोएडा के बिल्डरों पर दर्ज एफआईआर भी जोड़ ली जाए तो छह बिल्डरों के खिलाफ 13 एफआईआर दर्ज हैं। जिसमें आम्रपाली, टुडे होम्स, जेएनसी, प्रोव्यू ग्रुप, अल्पाइन बिल्डर आदि शामिल हैं। सीईओ ने मंत्री सुरेश खन्ना को बताया कि इन आठ बिल्डरों के प्रोजेक्ट में 5018 फ्लैट हैं लेकिन बिल्डर फ्लैट बनाकर नहीं दे रहे।
इस पर मंत्री ने एसएसपी को निर्देश दिया कि जिन बिल्डरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। और गिरफ्तारी भी हो। इसके अलावा नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को बिल्डर ऑडिट की रिपोर्ट शीघ्र तैयार कराने को कहा है, जिससे कि सही निर्णय लिया जा सके। और मंत्रियों के समूह ने नोएडा-ग्रेटर, नोएडा के ट्रैफिक प्लान की रिपोर्ट भी शीघ्र तैयार करने को कहा है