अलग-अलग मुद्दों पर तेलुगू देशम पार्टी (TDP), वाईएसआर कांग्रेस, तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) और अन्नाद्रमुक के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण लोकसभा में आज लगातार 11वें दिन प्रश्नकाल नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह 11 बजे अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने की अनुमति दी, वैसे ही वाईएसआर कांग्रेस, TDP, TRS और अन्नाद्रमुक के सदस्य भिन्न-भिन्न मुद्दों पर नारेबाजी करते हुए आसन के समीप पहुंच गए।
ये सदस्य हाथों में बैनर और प्लेकार्ड लिए हुए जोर-जोर से नारेबाजी करने लगे। अध्यक्ष ने सदस्यों से अपनी-अपनी सीट पर जाने का आग्रह किया, लेकिन हंगामा जारी रहा। अंतत: उन्होंने एक मिनट के भीतर सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इस प्रकार लगातार 11वें दिन सदन में प्रश्नकाल नहीं हो सका। बजट सत्र के दूसरे चरण के पांच मार्च से शुरू होने के दिन से ही सदन में विभिन्न मुद्दों को लेकर गतिरोध जारी है।
सदन में आज कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों को हंगामा करते नहीं देखा गया, अलबत्ता वे अपनी सीटों पर जरूर खड़ रहे। वाईएसआर कांग्रेस और तेदेपा के सदस्य आंध, प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने, अन्नाद्रमुक सदस्य कावेरी प्रबंधन बोर्ड गठित करने तथा TRS के सदस्य तेलंगाना में आरक्षण का कोटा बढ़ाए जाने की मांग को लेकर हंगामा करते आ रहे हैं।
वही हंगामे की कारण राज्यसभा में भी कार्यवाही पूरी नहीं हो सकी। आंध्रप्रदेश और कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड का गठन करने के मुद्दे को लेकर विपक्ष ने आज राज्यसभा में भारी किया गया जिसके कारण सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गयी। इस तरह से बजट चरण सत्र के दूसरे चरण में लगातार 11 दिन तक सदन में कोई कामकाज नहीं हुआ। सभापति एम वेंकैंया नायडु ने सुबह सदन की कार्यवाही शुरु करते हुए मंत्रियों को जरुरी विधायी कागजात पटल पर रखने के निर्देश दिए।
इसके बाद उन्होंने शून्यकाल आरंभ करने का प्रयास किया तो तेलुगू देशम पार्टी, कांग्रेस और द्रमुक तथा अन्नाग्रमुक के सदस्य अपनी अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाते हुए सभापति के आसन के समक्ष आ गए। कुछ सदस्यों ने अपने हाथो में तख्तियां और पोस्टर ले रखे थे। इस पर नायडु ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि लोग हस रहे हैं और सदन में आपका बर्ताव मजाक का विषय बन जाएगा। यह देश और संसद के हित में नहीं है। सरकार सदन में बहस कराने के लिए तैयार है लेकिन सदस्यों ने सभापति की
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