नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि संसदीय बहस व्यक्तियों पर नहीं बल्कि मुद्दों पर केंद्रित होनी चाहिए क्योंकि यह वैकल्पिक विचारों को समझने में मदद करता है। जेटली ने कहा कि कुछ सांसद गंभीर चर्चा में योगदान देते हैं जबकि कुछ मीडिया में माइलेज उठाने के लिए ‘शून्य काल’ कार्यकर्ता बन गए हैं। कुछ अन्य लोग 11 बजे के कार्यकर्ता बन गए हैं जिनको उनके उठाए गए नारे के आधार पर आंका जाता है।
‘भर्तृहरि महताब-अभूतपूर्व सांसद’ शीर्षक से प्रकाशित किताब के विमोचन पर जेटली ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि निजी हमले और बार-बार संसद की कार्यवाही बाधित होने से कुछ सांसद सदन में अपना भाषण देने में नाकाम रह जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘यदि आप केवल नीतियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, नीतियों पर हमला करते हैं, विचारों पर हमला करते हैं और अपने विचारों को आगे बढ़ाते हैं, तो अधिकांश लोग आपके वैकल्पिक दृष्टिकोण और विचार को समझने की कोशिश करेंगे।’ जेटली ने कहा कि अगर आप सारा समय दूसरे पर हमला करने में बर्बाद करेंगे तो सार्वजनिक चर्चा की गुणवत्ता को प्रभावित करेगी।