दिल्ली में गरीबों एवं बच्चों को लिए सरकारी स्कूलों में चिकित्सा सुविधाओं से युक्त क्वारंटाइन सेंटर स्थापित करने को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में घर में क्वारंटाइन संबंधी मौजूदा नीति में संशोधन करने का अनुरोध किया गया है। इसमें दलील दी गई है कि यह अधिकांश आबादी के लिए विफल साबित हो रही है क्योंकि हर किसी के पास कोरोना वायरस से संक्रमित परिवार के सदस्य को क्वारंटाइन में रखने के लिए अलग कमरा नहीं होता है।
याचिका में कहा गया, “घर में क्वारंटाइन में रहने की नीति के तहत, संक्रमित व्यक्ति को अलग शौचालय के साथ एक अलग कमरा दिया जाना चाहिए ताकि परिवार के अन्य सदस्यों के साथ उसका शारीरिक संपर्क न हो सके। संक्रमित व्यक्ति की देखभाल के लिए भी एक व्यक्ति होना चाहिए।”
इसमें कहा गया,“लेकिन असल में, कितने कम आय वर्ग वाले घरों में अलग शौचालय के साथ अलग कमरा और संक्रमित व्यक्ति की देखभाल के लिए अलग से एक व्यक्ति होता है। इसकी वजह से, परिवार के अन्य सदस्य भी संक्रमित हो रहे हैं जिससे शहर के अस्पतालों पर मरीजों का बोझ बढ़ रहा है और सबसे बड़ी समस्या तो परिवार के लोगों को हो रही है।”
जनहित याचिका में बच्चों के लिए स्वास्थ्य देखभाल प्रबंधन केंद्र एवं क्वारंटाइन सेंटर्स का इस आधार पर अनुरोध किया गया है कि कई चिकित्सा विशेषज्ञों ने वैश्विक महामारी की तीसरी लहर की आशंका जताई है और इसमें बच्चों के अधिक संक्रमित होने का खतरा बताया है।