दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम के गैर कानूनी होने का दावा किया गया और इसके अध्यक्ष जफरुल-इस्लाम खान को पद से हटाए जाने की मांग की गई है।
न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के दफ्तर से कहा कि वह याचिका में लगाए गए आरोपों पर एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें और मामले को अगली सुनवाई के लिए गुरुवार को सूचीबद्ध कर दिया।
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उपराज्यपाल दफ्तर की ओर से पेश हुए दिल्ली सरकार के अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता अनुपम श्रीवास्तव ने हाई कोर्ट ने कहा कि आयोग के अध्यक्ष जफरुल-इस्लाम खान को पद से हटाने की मांग करने वाली एक अन्य याचिका पर एकल न्यायाधीश ने 11 मई को प्रशासन से मुद्दे पर तेजी से फैसला करने को कहा था, क्योंकि उनका कार्यकाल 14 जुलाई को खत्म हो रहा है।
नई याचिका सामाजिक कार्यकर्ता विक्रम गहलोत ने दायर की है। इसमें दलील दी गई है कि दिल्ली विधानसभा को दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम बनाने की शक्ति नहीं है। इसलिए इसे रद्द किया जाए। विक्रम गहलोत ने यह भी दावा किया है कि अधिनियम के वैध नहीं होने की वजह से इसके तहत की गई नियुक्तियां भी अवैध हैं, जिनमें अध्यक्ष की नियुक्ति भी शामिल है।