नई दिल्ली : दिल्ली सरकार, एमसीडी व एजेसियों के लाख दावों के बाद भी दिल्ली में लोगों को स्वच्छ हवा नसीब नहीं हो रही है। आए दिन प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही रहा है। इस समस्या से निजात दिलाने के कोर्ट व संबंधित विभागों के आलाधिकारियों द्वारा बड़े से बड़े निर्देश जारी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है। बावजूद इसके समस्या जस की तस बरकरार है। हालांकि इन निर्देशों का पालन दिन के समय तो दिखता है लेकिन रात के समय इन निर्देशों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
सू़त्रों की माने तो हरियाणा की तरफ से आने वाले अधिकतर भारी वाहनों का रात के समय चोर रास्तों से प्रवेश कराया जाता है जिसमें टोल टैक्स कर्मियों की संलिप्ता से इंकार नहीं किया जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि एनजीटी ने जब से पर्यावरण संरक्षण के लिए ग्रीन टैक्स (इंवायरमेंट कंपेंशस चार्ज) लगाया है, तब से ही भारी वाहन चालक ग्रीन टैक्स बचाने के चलते चोर रास्तों की तलाश कर रहें हैं। चोर रास्तों को बताने में कोई और नहीं हैं बल्कि टोल टैक्स कर्मी ही सहयोगी की भूमिका निभाने में आगे आ रहें हैं। साउथ एमसीडी दिल्ली में प्रवेश करने के 124 रास्तों पर टोल टैक्स वसूलती है।
वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि इन्हीं रास्तों के साथ दिल्ली हरियाणा से सटे गांवों से रास्ते निकलते हैं जिनका रात के समय ग्रीन टैक्स बचाने में प्रयोग किया जाता है। नजफगढ़, नरेला, बवाना, बुराड़ी, कापसहेड़ा जैसे इलाकों में रात के समय ग्रीन टैक्स की चोरी आसानी से देखी जा सकती है। वहीं, दिल्ली में प्रदूषण अभी भी रेड जोन में बना हुआ है। रविवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स में कई बार कुछ अंकों का उतार चढ़ाव देखा गया। मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ एंड साइंस के सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) की रिपोर्ट के मुताबिक शाम चार बजे एयर क्वालिटी 321 था लेकिन रात होते-होते यह 311 दर्ज किया गया। वहीं, बवाना, आरके पुरम, द्वारका, मथुरा रोड जैसे इलाकों में पीएम 10 पुअर जोन से निकलकर सिवेयर की केटैगरी में जा पहुंचा। एनसीआर के नोएडा में भी पीएम 10 व पीएम 2.5 का स्तर बेहद खतरनाक दर्ज किया गया।