प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) के कार्यालय में सरदार वल्लभ भाई पटेल की एक प्रतिमा का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने पहले ऑडिट दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हमारा इतिहास भी डेटा के जरिए देखा और समझा जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, बहुत कम संस्थान हैं जो समय के साथ मजबूत, अधिक परिपक्व और अधिक प्रासंगिक होते जाते हैं। अधिकांश संस्थान कुछ दशकों के बाद प्रासंगिकता खो देते हैं। लेकिन कैग एक विरासत है और हर पीढ़ी को इसे संजोना चाहिए। बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। मैं इस महत्वपूर्ण संस्था के माध्यम से देश की सेवा के लिए समर्पित आप सभी लोगों को ऑडिट दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ।
उन्होंने कहा, एक संस्था के रूप में CAG न केवल देश के खातों का हिसाब किताब चेक करता है बल्कि प्रोडक्टिविटी में एफिशिएंसी में वैल्यू एडिशन भी करता है। इसलिए ऑडिट दिवस और इससे जुड़े कार्यक्रम हमारे चिंतन मंथन, हमारे सुधारों का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
एक समय ऑडिट को आशंका और भय के साथ देखा जाता था
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, एक समय था, जब देश में ऑडिट को एक आशंका, एक भय के साथ देखा जाता था। ‘CAG बनाम सरकार’, ये हमारी व्यवस्था की सामान्य सोच बन गई थी। लेकिन, आज इस मानसिकता को बदला गया है। आज ऑडिट को वैल्यू एडिशन का अहम हिस्सा माना जा रहा है। लेकिन हमने पूरी ईमानदारी के साथ पिछली सरकारों का सच देश के सामने रखा। हम समस्याओं को पहचानेंगे तभी तो समाधान तलाश कर पाएंगे।
भारत की अर्थव्यवस्था की दुनिया भर में चर्चा और स्वागत
प्रधानमंत्री ने कहा, पहले देश के बैंकिंग सेक्टर में पारदर्शिता की कमी के चलते तरह-तरह की प्रैक्टिस चलती थीं। परिणाम ये हुआ कि बैंको के NPAs बढ़ते गए। NPAs को कार्पेट के नीचे कवर करने का जो कार्य पहले के समय किया गया, वो आप भली-भांति जानते हैं। हमने अप्रयुक्त और कम उपयोग वाले तत्वों का मुद्रीकरण करने का साहसिक निर्णय लिया। उन फैसलों के परिणामस्वरूप हमारे पास एक पुनर्जीवित अर्थव्यवस्था है, जिस पर दुनिया भर में चर्चा और स्वागत किया जा रहा है।
हमारा इतिहास भी डेटा के जरिए देखा और समझा जाएगा
प्रधानमंत्री ने कहा, पुराने समय में जानकारी, कहानियों के जरिए प्रसारित होती थी। कहानियों के जरिए ही इतिहास लिखा जाता था। लेकिन आज 21वीं सदी में, डेटा ही जानकारी है और आने वाले समय में हमारा इतिहास भी डेटा के जरिए देखा और समझा जाएगा।