प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह दिल्ली के गुरुद्वारा रकाबगंज पहुंचे, यहा पीएम मोदी ने सिखों के नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर को उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए नमन किया। आम आदमी की तरह बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुद्वारा पहुंचकर सभी को चौंका दिया।किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री मोदी का अचानक गुरुद्वारा पहुंचने को महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी के गुरुद्वारा रकाबगंज पहुंचने के दौरान ना तो कोई पुलिस बंदोबस्त किया गया और ना ही आमजन के लिए यातायात अवरोधक लगाए गए। प्रधानमंत्री कार्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार श्री मोदी सुबह अचानक गुरुद्वारा रकाबगंज पहुंचे और सिख गुरुओं को नमन करते हुए मत्था टेका। उन्होंने गुरु गुरु तेग बहादुर को उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए याद किया।
गुरु तेगबहादुर ने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया था। उनकी शहादत हर साल शहीदी दिवस के रूप में याद किया जाता है। बीते शनिवार को ही पूरे देश ने उनका शहीदी दिवस मनाया है।
सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के दौरान ध्यान रखा गया कि इस दौरान आम आदमी को किसी तरह की दिक्कत न हो। क्योंकि रविवार के दिन गुरुद्वारे में शीश नवाने जाने वालों की संख्या ज्यादा होती है। इसीलिए कहीं कोई सुरक्षा आदि की वैसी व्यवस्था नहीं हुई, जैसी आमतौर पर होती है।
गुरु तेग बहादुर ने 17वीं शताब्दी के दौरान सिख धर्म का प्रचार किया। वर्ष 1975 में उन्होंने हंसते-हंसते प्राणों का बलिदान कर दिया था। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने पंजाब के किसानों की ओर से चलाए जा रहे आंदोलन के बीच अचानक गुरुद्वारा पहुंचकर एक संदेश दिया है। हालांकि, भाजपा नेताओं का कहना है कि यह शुद्ध आस्था का मामला है। इसे किसी और नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए।