नई दिल्ली : दिल्ली की आबोहवा फिर से बिगड़ने लगी है लेकिन वायु प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर लगाम कसने में प्रशासन अभी भी नाकाम है। यही वजह है कि ऐसे उद्योग बिना अनुमति के ही धड़ल्ले से चलाए जा रहे हैं और वातावरण को प्रदूषित कर रहे हैं। दिल्ली के प्रदूषित इलाकों में शुमार बाहरी दिल्ली और दिल्ली देहात का एरिया ऐसे उद्योगों से भरा पड़ा है।
जबकि इस संबंध में एनजीटी सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी व नॉर्थ एमसीडी को ज्वाइंट इंस्पेक्शन कर रिपोर्ट भी मांग चुकी है। मामले को लेकर एनजीटी दिल्ली सरकार के साथ-साथ रिपोर्ट पेश न करने पर स्थानीय निकायों को भी फटकार लगा चुकी है। गत वर्ष भी जस्टिस जवाद रहीम की अगुवाई वाली बेंच ने स्पष्ट निर्देशों के बावजूद कार्रवाई रिपोर्ट दायर नहीं किए जाने को लेकर संंबधित एसडीएम को भी फटकार लगाई गई थी।
मामला साल 2017 का है जब एनजीटी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया था कि वे एक एफिडेविट दायर कर उन उद्योगों की जानकारी दें जिन्हें बिना अनुमति नहीं होने के कारण सील किया गया है। इसके बाद ही बाहरी दिल्ली के सुल्तानुपरी और किराड़ी में चल रहे अवैध औद्योगिक यूनिट्स को सील करने की बात कही गई थी। फिर भी किराड़ी, कृष्ण विहार, पूंठ कलां गांव और सुल्तानपुरी जैसे इलाकों में बड़े पैमाने पर डाइंग यूनिट की फैक्ट्रियांं चलाई जा रही हैं। वहीं उत्तम नगर स्थित कुम्हार कॉलोनी में सालों से उठने वाले धुएं को लेकर मिली शिकायतों पर सीपीसीबी ने रिपोर्ट मांगी है।