नई दिल्ली : राजघाट पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के अनशन का गुरुवार को 10वां दिन था। स्वाति के समर्थन में मुखर्जी नगर में यूपीएससी व एसएससी की तैयारी कर रहे छात्र व महिलाएं पहले धरना स्थल पर एकजुट हुए। यहां उन्होंने पहले स्वाति का हालचाल लिया। इसके बाद हाथों में तिरंगा लिए और रेपिस्टों को छह माह के भीतर फांसी की सजा की मांग के साथ जैसे ही प्रदर्शनकारी संसद मार्ग की ओर जाने के लिए राजघाट से निकले उन्हें दिल्ली गेट पर ही रोक दिया गया।
यहां पर उन्हें आगे जाने की इजाजत दिल्ली पुलिस ने नहीं दी। पुलिस द्वारा बेरिकेट लगा कर रास्ते को बंद कर दिया गया। इस दौरान मार्च में शामिल छात्र व महिलाओं ने पुलिस से कहा कि वह शांति पूर्ण मार्च कर रहे हैं और उन्हें संसद मार्ग तक जाने दिया जाए। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी ने प्रदर्शनकारियों की एक नहीं सुनी और उन्हें मार्च वापस लेने को कहा। इस दौरान महिलाओं ने हाथ में चूड़ी ले रखी थी और दिल्ली पुलिस के जवान को दिखाया जा रहा था।
काफी देर तक पुलिस व प्रदर्शनकारी के बीच बहस चलती रही। इसी बीच महिलाओं द्वारा पुलिस पर चूड़ियां फेंकी गई। जिसमें पुलिस की महिला कर्मचारी को भी चूड़ी लगी। इसके बाद पुलिस ने भी कार्रवाई करते हुए छात्रों को हिरासत में लिया और मार्च को दिल्ली गेट से आगे नहीं बढ़ने दिया। पुलिस के साथ धक्का मुक्की में कई महिलाओं के साथ छात्रों को भी चोट आई हैं।
‘क्या महिलाएं अपनी सुरक्षा के लिए मार्च भी नहीं निकाल सकतीं ’
प्रदर्शनकारियों के साथ दिल्ली पुलिस के बर्ताव पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि वे सभी लोग शांति पूर्ण मार्च कर रहे थे। उन्होंने कहा कि क्या महिलाएं अब अपनी सुरक्षा के लिए शांति पूर्ण मार्च भी नहीं निकाल सकती।
प्रदर्शनकारियों का आरोप पुलिस ने की मारपीट
मार्च में शामिल महिलाओं व छात्रों ने दिल्ली पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे शांतिपूर्वक तरीके से अपनी बातों को रखने के लिए राजघाट से संसद मार्ग तक पैदल ही मार्च निकाल रहे थे। मगर पुलिस ने उन्हें दिल्ली गेट पर रोक दिया। इसके बाद पुलिस द्वारा उन्हें जबरन बस में डाल दिया गया, और मारपीट की गई। छात्र अभिषेक ने बताया कि प्रदर्शन करने पर पुलिस द्वारा उनके साथ मारपीट व धक्का-मुक्की की गई।
कुछ युवाओं को खरोंचा गया, थप्पड़ मारे गए और उन्हें घसीट कर बैरिकेड की दूसरी तरफ फेंका गया। इस दौरान कुछ महिलाओं व छात्राओं से भी पुरुष पुलिसकर्मियों द्वारा धक्का-मुक्की करते हुए देखा गया। इसमें कई लोगों को गंभीर चोटें आई। एक कॉलेज छात्रा के कान के पास गहरा घाव होने के कारण काफी खून बहा।
प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप था कि पुलिस द्वारा जिन व्यक्तियों को पीटा गया। उनको अस्पताल लेकर जाने के लिए एंबुलेंस को भी अंदर नहीं आने दिया गया। पुलिस ने 8 से 10 महिलाएं एवं कुछ पुरुषों को हिरासत में लिया और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।