नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा सवर्णों को दस प्रतिशत का आरक्षण देने के फैसले का दिल्ली प्रदेश भाजपा ने ऐतिहासिक कदम बताते हुए स्वागत किया है। पार्टी का कहना है कि इसके द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साबित कर दिया कि वह सबका साथ विकास के नीति पर चल रहे हैं। इसके लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को इतिहास में सदैव याद किया जाएगा। इस अवसर दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता कर बताया कि गरीबी जाति देख कर नहीं आती।
सरकार के इस फैसले से वैसे सवर्ण गरीब भी आगे बढ़ पाएंगे, जो गरीबी की वजह से पिछे रह गए थे। तिवारी का कहना है कि वर्ष 2006 में यूपीए की सरकार ने भी सामजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय के अंतर्गत ईडब्लूएस केटेगरी के लिए एक कमीशन बनाया था, जिसने 2010 में एक रिपोर्ट दी थी।
इसके अनुसार गरीबों को आरक्षण देने की बात कही गई थी, लेकिन कांग्रेस की मामलों को लटका कर जाति आधारित राजनीति करने की आदत की वजह से उन्होंने गरीब सवर्णों को आरक्षण नहीं दिया था। उनका कहना है कि एक मजबूत नेतृत्व वाली सरकार ही ऐसे कड़े फैसले ले सकती है।
प्रधानमंत्री की तारिफ करते हुए मनोज तिवारी ने कहा कि वर्षों बाद देश को ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जो हर गरीब की चिंता करता है, चाहे वह किसी भी वर्ग या जाति का हो। उन्होंने उम्मीद जताई कि विपक्ष भी गरीब सवर्णों की भावनाओं का सम्मान करेगा और उनके विकास में उठाये गए सरकार के इस कदम को समर्थन देगा।
वोट कटने पर जनता को गुमराह कर रही है ‘आप’
प्रसवार्ता में तिवारी ने एक ऑडियो क्लीप जारी करते हुये आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया कि पहले तो दिल्ली के नागरिकों के निजता के अधिकार का उल्लंघन करते हुये स्कूल में पढ़ रहे विद्यार्थियों के परिवार का वोटर आईडी कार्ड की जानकारी मांग रहे थे। वहीं अब मुख्यमंत्री के इशारे पर फोन कर दिल्ली की जनता से वोट कटने और उनके द्वारा दोबारा वोट जुड़वाने का झूठ बोल रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने ‘आप’ पर वोट कटवाने के लिए भाजपा को बदनाम करने का आरोप भी लगाया।
घुसपैठियों पर राजनीति कर रही है कांग्रेस
संसद में एनआरसी एमेंडमेंट बिल पर कांग्रेस पार्टी का विरोध पर तंज कसते हुए तिवारी ने कहा कि कांग्रेस के लिए देश हित नहीं अपितु राजनीति सर्वोपरी है। यही वजह है कि वह असम में अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों के संरक्षण के लिए सरकार के विरोध में खड़ी है। उनका कहना है कि पिछले कुछ समय में दिल्ली में भी अवैध रूप से बांग्लादेशी और रोहिंग्या बड़ी संख्या में घुस आये हैं। जो दिल्ली के मूल नागरिकों के अधिकार के हनन साथ ही राजधानी में कानून व्यवस्था बिगाड़ रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि दिल्ली में रोहंगिया एवं बंग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित करने और देश के अन्य भागों की तरह यहां से भी निकालने के लिये कार्रवाई की जाए।